मुरैना के सबलगढ़ में 140 साल पुराना तालाब फूटा… खाली कराए गए गांव, सतर्कता से खतरा टला

 ​​​​​मुरैना

दो साल पहले धार जिले के कारम बांध की तरह मुरैना में भी तालाब फूटने से सैलाब आ गया। मुरैना की सबलगढ़ तहसील से तीन किमी दूर स्थित टोंगा पंचायत का पुराना तालाब मंगलवार की सुबह फूट गया। जिससे तेज गति से पानी गांवों की ओर बढ़ने लगा।

हालांकि सोमवार की शाम को ही तालाब में हल्की दरार की सूचना के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया था। प्रशासन की सतर्कता से बड़ा खतरा टाला जा सका। अधिकारियों ने आधा दर्जन गांव खाली कराने के साथ ही नहर तोडवा कर पानी का बहाव आसन नदी की ओर करा दिया था। इससे गांवों को कुछ ही देर में राहत मिल गई।

आज भी नही मिलेगी राहत

जानकारी के मुताबिक मुरैना में भारी बारिश के कारण टोंगा तालाब की एक तरफ की पार टूट गई, जिसके कारण पानी तेज बहाव के साथ खेतों में जा घुसा। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। आज यानी मंगलवार को भी मौसम विभाग ने मुरैना सहित आठ जिलों में भारी बारिश के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यानी अभी भी मुरैना के किसानों की आफत कम नहीं हुई है।

इन गावों में पानी ही पानी

जानकारी के मुताबिक विशेष रूप से 4 गांव जिसमें कुतघान का पुरा, कौरी का पुरा, पंचमुखी हनुमान मंदिर का एरिया और पासौन गांव में ज्यादा तदाद में पानी भर गया। सबलगढ़ विधायक सरला रावत, एसडीएम वीरेंद्र कटारे, सबलगढ़ थाना प्रभारी सोहनपाल तोमर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच चुके हैं। खबर लिखने तक कोई जनहानि की सूचना नहीं है।

 टोंगा तालाब फूटने की सूचना शाम को मिल गई थी। रात से ही यहां अधिकारी-कर्मचारी लगे हुए थे, जिससे तालाब फूटने के बावजूद कोई अप्रिय घटना या नुकसान नहीं हुआ।- अंकित अस्थाना, कलेक्टर।

टोंगा पंचायत में 140 साल पुराने तालाब की क्षमता 1.93 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) है, जो 80 प्रतिशत भर गया था। इससे वहां के 20 गांवों की सिंचाई की जाती है। सोमवार की शाम को तालाब में दो फीट की दरार आ गई, जिसके बाद आस पास के आधा दर्जन गांवों को रात में खाली करा दिया गया था।

मंगलवार सुबह छह बजे तालाब की दरार 15 फीट चौड़ी हो गई। जिससे तेजी से तालाब का पानी गांवों में घुसने लगा। मौके पर पहुंचे कलेक्टर अंकित अस्थाना, एसडीएम वीरेंद्र कटारे व जल संसाधन विभाग के अधिकारी डटे रहे।

सोमवार शाम 4 बजे दरार दिखी, रात 8 बजे पानी गांव में घुस आया

टोंगा गांव के लोगों का कहना है कि सोमवार शाम 4 बजे एक युवक बांध की ओर गया तो 15 इंच की दरार दिखी। तुरंत सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। कलेक्टर अंकित अस्थाना, सिंचाई विभाग से इंजीनियर और पुलिस अधिकारियों को लेकर मौके पर पहुंचे।

दरार देखी लेकिन इसे ठीक करने के प्रयास शुरू नहीं किए गए। कैचमेंट एरिया में पड़ने वाले 20 गांवों में अलर्ट जरूर कर दिया कि डैम से रिसाव हो रहा है। पानी का बहाव तेज हो सकता है। इस लापरवाही से यह हुआ कि रात 8 बजे पानी गांव में घुस आया।

जब तक पूरा पानी नहीं निकलता, दरार की मरम्मत नहीं हो सकती

मंगलवार को जब भास्कर की टीम पहुंची तो बांध की दरार फूटकर 20 फीट की हो चुकी थी। पानी का बहाव इतना तेज था कि हमारे सामने ही एक मोटी दीवार ढहकर बह गई। पूरे गांव में पानी भरा था और लोग घरों से बाहर डरे-सहमे बैठे थे।

उनका कहना था कि जब तक पूरा पानी नहीं निकल जाता, दरार की मरम्मत नहीं हो सकती। लेकिन ऐसा होने पर गांव में पानी का संकट आ जाएगा।

सबसे ज्यादा टोंगा, देवपुर गांव के हालात खराब; लोग सड़कों पर

टोंगा रिजर्व डैम की दीवार में दरार और उसके फूट जाने के बाद सबलगढ़ के 20 गांवों में हालात खराब हो गए हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति टोंगा, देवपुर, कुतघान का पुरा, कोरी का पुरा, पासौन, रानी का पुरा गांव में है। यहां खेतों-घरों में पानी भर गया है। पोल टूटने से बिजली भी गुल है।

रानी का पुरा की सायरा बानो उर्फ मुमताज, पति और दो बच्चों के साथ सबलगढ़ की 6 नंबर पुलिया के पास सड़क पर रह रही हैं।

 

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