एक दिन में भारतीय जीवन बीमा निगम के 1400 करोड़ स्वाहा

 मुंबई .

आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट्स (OCCRP) की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को जोरदार झटका दिया है. अरबपति गौतम अडानी और उनके पोर्ट-टू-एनर्जी ग्रुप के खिलाफ OCCRP ने अपनी रिपोर्ट में स्टॉक में हेरफेर के आरोप लगाए हैं.  इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट शुरू हो गई और देखते-देखते समूह के हजारों करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. लेकिन OCCRP की रिपोर्ट के बाद भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) एक बार फिर से सुर्खियों में है. क्योंकि इस बीमा कंपनी ने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया है और उनके Mcap में आई गिरावट के बाद LIC को भी नुकसान हुआ है.

अडानी समूह के सभी शेयरों में गिरावट

एनएसई पर अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 3.51 फीसदी टूटकर क्लोज हुए. अडानी टोटल गैस के शेयर 2.24 फीसदी की गिरावट के साथ क्लोज हुए. अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर की कीमत 3.53 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुई. अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर की कीमत 3.76 फीसदी कम पर बंद हुई. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक के शेयर 3.18 फीसदी की गिरावट के साथ क्लोज हुए. एसीसी का शेयर 0.73 फीसदी, अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 3.66 फीसदी, एनडीटीवी 1.92 फीसदी, अडानी पावर 1.93 फीसदी और अडानी विल्मर के शेयर 2.70 फीसदी की गिरावट के साथ 31 अगस्त को बंद हुए.

कितना बड़ा झटका?

गुरुवार को अडानी समूह को 35,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, 30 अगस्त 2023 को सभी 10 शेयरों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 10.84 लाख करोड़ रुपये था. लेकिन 31 अगस्त को ये गिरकर लगभग 10.49 लाख करोड़ हो गया. यानी एक ही दिन में अडानी ग्रुप को लगभग 35,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

LIC  को कितना हुआ नुकसान?

35,000 करोड़ रुपये में से जीवन बीमा निगम (LIC) को केवल एक सत्र में 1,439.8 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. LIC ने अडानी ग्रुप की छह कंपनियों में भारी निवेश किया है. डेटा के अनुसार, 30 जून को एलआईसी के पास अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक में 9.12 फीसदी, अडानी एंटरप्राइजेज में 4.26 फीसदी, अडानी टोटल गैस, एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में 6 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी थी.

दूसरी बार अडानी समूह पर लगे आरोप

आठ महीने के भीतर ये दूसरी बार है, जब अडानी समूह पर स्टॉक में हेरफेर करने का आरोप लगा है. OCCRP से पहले इसी साल जनवरी के महीने में अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर स्टॉक की कीमतों में हेरफेर और अकाउंट फ्रॉड का आरोप लगाया था. हालांकि, अडानी समूह ने इसे खारिद कर दिया था. समूह ने  OCCRP की रिपोर्ट को भी नकार दिया है.  OCCRP ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से अपने ही शेयर खरीदकर स्टॉक में लाखों डॉलर का निवेश किया है.

 

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