488 होमगार्ड स्वयंसेवी सैनिक महाकाल मंदिर में होंगे तैनात, मोहन कैबिनेट में मिली मंजूरी

भोपाल
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उज्जैन में महाकाल मंदिर में होमगार्ड स्वयंसेवी सैनिकों के 488 पद स्वीकृत करने की मंजूरी दी गई। इस पर सालाना 17 करोड़ रुपये का व्यय आएगा। एक वर्ष के भीतर यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

मोहन कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

    विकास योजना के लिए नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 66 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। अब विशेष क्षेत्र के बाहर यदि किसी विभाग को परियोजना लेकर आनी है तो उसे शासन द्वारा अनुमति दे दी जाएगी।

    यह परियोजना किसी भी सूरत में 500 करोड़ रुपये से कम की नहीं होगी। इसके साथ ही गेहूं के समर्थन मूल्य के ऊपर 175 रुपये प्रति क्विंटल और 2024 में उपार्जित धान के लिए कृषकों को चार हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने के निर्णय का अनुसमर्थन किया गया।

    प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलेगा। इसमें समस्त जल संरचनाओं की संरक्षण और संवर्धन का काम होगा। आंगनबाड़ी के कार्यकर्ताओं को बच्चों को सामान्य ज्ञान देने के लिए प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा।

किसानों के लिए फैसले

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के अनुसार, 15 मार्च से शुरू होने जा रही गेहूं की एमएसपी दर पर खरीदी के तहत सरकार 175 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने का फैसला किया है। ये बोनस एमएसपी की दर 2425 रुपए के अतिरिक्त दिया जाएगा। यानी समर्थन मूल्य पर किसानों को 2600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव मिलेंगे। यही नहीं धान पर 4 हजार प्रति हैक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली।

सीमांकन-बटांकन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन
डिजीटाइलेशन के लिए बैठक में 138.41 करोड़ का प्रावधान करने का फैसला लिया गया। कैबिनेट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मास्टर टीचर का प्रशिक्षण देने का भी फैसला लिया गया। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सिखाया जाएगा कि आंगनवाड़ी आने वाले बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान के साथ सामान्य ज्ञान कैसे पढ़ाया जाए। एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सरकार ने तय किया है कि प्लानिंग एरिया के बाहर भी उद्योग स्थापित हो सकेंगे। प्रस्ताव आने पर बड़े उद्योग प्लानिंग एरिया के बाहर स्थापित करने का फैसला सरकार ले सकेगी।

सीएम का अभिनंदन

बैठक की शुरुआत से पहले कैबिनेट के सदस्यों ने सफल जीआईएस को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का अभिनंदन किया। बैठक में 30.77 लाख करोड़ के निवेश जमीन पर उतारने की प्लानिंग साझा की गई। मुख्यमंत्री का फॉर्मूला तय किया गया कि सभी विभागों के प्रमुख सचिव हर सप्ताह निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करेंगे। मुख्य सचिव हर महीने समीक्षा करेंगे और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हर दो महीने में समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। जल संरचनाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए 30 मार्च से पूरे प्रदेश में जय गंगा जल संवर्धन अभियान चलेगा। 30 जून तक चलने वाले इस अभियान के तहत वॉटर रिचार्ज को लेकर भी काम होंगे। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि भारतीय नया साल यानी गुड़ी पड़वा का पर्व सरकार धूमधाम से मनाएगी। गुड़ी पड़वा पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम होंगे, तो उज्जैन में चल रहे विक्रमोत्सव के दौरान 30 मार्च को बड़ा आयोजन होगा।

जनजातीय देवलोक की स्थापना और बजट सत्र की तैयारियां

बैठक में एक और महत्वपूर्ण विषय जनजातीय देवलोक की स्थापना पर चर्चा होगी, जो राज्य के जनजातीय समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, 10 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में पेश होने वाले बजट पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री इस सत्र में की जाने वाली नई घोषणाओं और योजनाओं को लेकर कैबिनेट के समक्ष अपनी राय रखेंगे।

15000 करोड़ रुपए से अधिक का होगा बजट

बैठक में द्वितीय अनुपूरक बजट का भी अनुमोदन किया गया। यह 15000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। 16 वें वित्त आयोग के समक्ष प्रदेश की वित्तीय स्थिति और 2026 से 2031 तक के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त की जाने वाली राशि के संबंध में प्रस्तुतीकरण छह मार्च को होगा। इसमें सभी मंत्री उपस्थित रहेंगे।

बजट सत्र के सवालों और सरकार की हाजिर जवाबी पर चर्चा

मंत्रालय में हो रही इस बैठक में मंत्रियों को बजट सत्र के दौरान उठाए गए सवालों का समय पर जवाब देने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस सत्र में सरकार की हाजिर जवाबी को लेकर भी चर्चा होगी, जिससे सरकार के संवाद कौशल और कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

अनुपूरक बजट पर भी मंजूरी मिली

बैठक में दूसरे अनुपूरक बजट के प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी। इस बजट में सड़क, बिजली, इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य विकास योजनाओं पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा, ब्याज की देनदारी से संबंधित बड़ी रकम को भी अनुपूरक बजट में शामिल किया जा सकता है। यह सरकार की वित्तीय स्थिति और विकास कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

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