ट्रंप सरकार सभी कर-भुगतान करने वाले परिवारों को 5,000 अमेरिकी डॉलर के चेक वितरित करेगी !
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वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उनका प्रशासन सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) से बचे हुए पैसे का 20% हिस्सा अमेरिकी लोगों को बांटने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा अन्य 20 फीसदी पैसा सरकार के लोन को कम करने के लिए आवंटित किया जाएगा.
दरअसल ट्रंप ने एलॉन मस्क को ही DOGE का जिम्मा सौंपा है जो सरकारी लूपहोल से पैसा बचाने की कोशिश में लगातार जुटे हुए हैं. मियामी में सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड द्वारा आयोजित वैश्विक वित्तपोषकों और तकनीकी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने इस विचार को एक "नई अवधारणा" के रूप में वर्णित किया.
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने कहा, "हम एक नई अवधारणा पर विचार कर रहे हैं, जिसमें DOGE, बचत का 20 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों को दिया जाएगा और 20 प्रतिशत ऋण चुकाने में खर्च किया जाएगा, क्योंकि आंकड़े अविश्वसनीय हैं. कई अरब, सैकड़ों अरब की बचत हो रही है… इसलिए हम अमेरिकी लोगों को 20 प्रतिशत वापस देने के बारे में सोच रहे हैं."
यह विचार व्यवसायी जेम्स फिशबैक की तरफ से आया है जिन्होंने मंगलवार को एक्स पर एक चार पेज का एक आंकड़ा साझा किया था. जिसमें "DOGE लाभांश" का प्रस्ताव दिया गया था. मस्क ने इस पर जवाब देते हुए कहा था, "मैं राष्ट्रपति से इसे लेकर बात करूंगा."
400 बिलियन डॉलर लोगों को बांटेंगे ट्रंप!
फिशबैक के इस आंकड़े में DOGE की बचत का 20 प्रतिशत हिस्सा यानि अनुमानित 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर को आवंटित करने का प्रस्ताव है, ताकि जुलाई 2026 में DOGE समाप्त होने के बाद सभी कर-भुगतान करने वाले परिवारों को 5,000 अमेरिकी डॉलर के चेक वितरित किए जा सकें.
यह अनुमानित आंकड़ा DOGE द्वारा 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत तक पहुंचने पर आधारित है, जिसे मस्क "सर्वोत्तम परिणाम" कह रहे हैं, तथा इसका पहला लक्ष्य 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का है. ट्रम्प की यह बयान DOGE के उस दावे के बाद आया है, जिसमें उसने दावा किया था कि 20 जनवरी को ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद से उसने अरबों डॉलर की बचत की है. मस्क के नेतृत्व में विभाग ने लागत में कटौती के व्यापक प्रयास के तहत आक्रामक तरीके से सरकारी अनुबंधों में कटौती की है, सरकारी नौकरियों को समाप्त किया है और सरकारी संपत्तियों को बेच दिया है.
नौकरी से लेकर अनुंबंध तक में कटौती रहे हैं ट्रंप
DOGE के अनुसार, उठाए गए इन कदमों के परिणामस्वरूप 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत हुई है. हालांकि एजेंसी ने स्वीकार किया कि अनुबंध रद्द करने और अनुबंध समाप्त करने के लिए मदवार आंकड़े उस कुल योग का एक अंश मात्र है. विभाग ने कहा कि वह अपने बचत दावों को पुष्ट करने के लिए लगातार डेटा जारी करते रहेगा.
DOGE के दावों के बावजूद, इसके कथित वित्तीय प्रभाव को लेकर संदेह बना हुआ है. एजेंसी द्वारा प्रकाशित आंशिक डेटा का रॉयटर्स ने विश्लेषण किया और यह पाया कि पहचानी गई अधिकांश बचत अपेक्षाकृत छोटे अनुबंधों को समाप्त करने से हुई, जिसमें कंप्यूटर सिस्टम और कार्यबल प्रशिक्षण के अनुबंध भी शामिल हैं.
अब तक इस पहल ने सरकारी व्यय में 8.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कटौती की है, जिसमें व्यक्तिगत अनुबंध रद्दीकरण औसतन लगभग 7.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. हालांकि, 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत के व्यापक दावे का अभी तक पूरी तरह से हिसाब नहीं लगाया गया है, जिससे यह सवाल उठता है कि शेष धनराशि की गणना कैसे की गई.
भारत को लेकर कही ये बात
लागत में कटौती की पहल विवादों से अछूती नहीं रही है. अपनी शुरुआत से ही, DOGE ने संघीय कार्यबल में आमूलचूल बदलाव किया है, हज़ारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है और प्रमुख कार्यक्रमों को बंद किया है.
इससे पहले ट्रंप ने कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत का जिक्र करते हुए कहा, "हम भारत को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत ज़्यादा पैसा है. वे हमारे मामले में दुनिया में सबसे ज़्यादा कर लगाने वाले देशों में से एक हैं.