नागपुर में भीड़ का उपद्रव, आए और घर उजाड़ कर चले गए, शहर के कई इलाकों में निषेधाज्ञा लागू

नागपुर
महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में से एक नागपुर जमकर जला। इसका शिकार हंसापुरी, चिटनिस पार्क समेत कई इलाके हुए। कहा जा रहा है कि सुखरावरी तलाव रोड सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस दौरान उपद्रवियों ने लोगों के वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। वहीं, छोटे दुकानदारों के सामान को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस का कहना है कि शहर के कई इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

कैसे भड़की हिंसा
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ जलाया गया है। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिससे छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

लोगों के घरों पर हुआ पथराव
पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई। अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों तथा एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की। ओल्ड हिस्लोप कॉलेज इलाके के रहवासियों ने बताया है कि भीड़ उनके क्षेत्र में शाम करीब 7 बजकर 30 मिनट पर पहुंची और घरों पर पथराव करने लगी थी। साथ ही गली में खड़ी कई कारों में तोड़फोड़ की गई थी। इस दौरान चार कारों में तोड़फोड़ की गई थी और एक बुरी तरह से जल गई थी। रहवासियों का कहना है कि भीड़ ने घरों पर पत्थर फेंके, कारें जला दीं, बाहर रखे कूलर तोड़ दिए और खिड़कियां भी तोड़ दीं।

एक रहवासी ने एजेंसी को जानकारी दी कि इलाके में रहने वाले लोगों ने बाद में पानी की व्यवस्था कर आगजनी का शिकार हुए वाहनों पर डाला। स्थानीय लोग हिंसा के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता (50) के घर के सामने खड़े चार दोपहिया वाहनों को जला दिया गया। शरद ने बताया कि रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच भीड़ ने हमला बोल दिया, पथराव किया और वाहनों में आगजनी की। गुप्ता हमले में घायल हो गए और उन्होंने बताया कि भीड़ ने एक पड़ोसी की दुकान में भी तोड़फोड़ की। उन्होंने कहा कि पुलिस एक घंटे बाद पहुंची।

गुस्साए निवासियों ने भीड़ के खिलाफ तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की। ‘पीटीआई-भाषा’ के एक संवाददाता ने रात एक बजकर 20 मिनट पर एक दंपति को अपना घर बंद कर आसपास सुरक्षित स्थान पर जाते देखा। रामनवमी शोभायात्रा के लिए काम कर रहे एक अन्य निवासी चंद्रकांत कावडे ने बताया कि भीड़ ने उनके सभी सजावटी सामान जला दिए और घरों पर पत्थर फेंके।

कुछ निवासी अपने गलियारे में बाहर आ गए और वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस की एक टुकड़ी को गलियों में मार्च करते देखा गया। हंसपुरी इलाके के एक निवासी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि भीड़ ने रात करीब साढ़े 10 बजे उनके घर पर हमला बोल दिया और घर के बाहर खड़ी उनकी गाड़ियों को जला दिया। उन्होंने कहा, 'हमने दमकल के आने से पहले अपने घर की पहली मंजिल से पानी डालकर आग बुझाई।'

वहीं, एक अन्य निवासी वंश कवले ने बताया कि भीड़ ने अपने चेहरे ढके हुए थे और सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिया। उन्होंने उनके घरों में घुसने की भी कोशिश की। क्लिनिक के सामने चाय की दुकान करने वाले एक अन्य निवासी ने बताया कि भीड़ क्लिनिक (बंडू क्लिनिक) में घुस गई, सभी मेज तोड़ दीं और दवाइयां फेंक दीं। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में भी तोड़फोड़ की गई।

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