लौट आया निपाह का कहर? केरल में दो की मौत के बाद हड़कंप; कितना खतरनाक है यह वायरस

तिरुवनंतपुरम

खतरनाक निपाह वायरस के दो संदिग्ध मामलों के मिलने के बाद केरल के कालीकट में हड़कंप मचा हुआ है। यहां बुखार की वजह से दो लोगों की मौत हो चुकी है। गौर करने वाली बात यह है कि एक ही प्राइवेट अस्पताल में दोनों मौतें हुई हैं। इसके  अलावा मृतकों का एक रिश्तेदार भी गंभीर हालत में है। अब तक मरीजों के टेस्ट का रिजल्ट नहीं आया है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि मरीजों में निपाह वायरस जैसे लक्षण देखे गए थे।

क्या है निपाह वायरस
2018 में केरल में बसे पहले निपाह वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। डब्लूएचओ के मुताबिक निपाह जानवारों से पैदा हुआ वायरस है। इस वायरस को NiV के नाम से भी जाना जाता है। यह जानवरों और इंसानों दोनों को ही शिकार बनाता है। बताया जाता है कि फ्रूट बैट से इस वायरस का जन्म हुआ था। साल 2004 में बांग्लादेश में पहली बार इसके बारे में पता चला था। यहां कुछ लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले फ्लुइड को चखा था जो कि फ्रूट बैट के भी संपर्क में आया था। अब यह भी पुष्टि हो चुकी है कि यह वायरस इंसानों से इंसान में फैल सकता है। निपाह का नाम मलेशिया के एक गांव के नाम पर रखा गया था। 1998-99 के दौरान इसी गांव में निपाह का पहला केस पाया गया था। बता दें कि जिस चमगादड़ को इस वायरस का होस्ट माना जाता है उसे फ्लाइंग फॉक्स भी कहते हैं। यह दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया में आम तौर पर पेड़ों पर पाए जाते हैं। बता दें कि इन चमगादड़ों को खजूर बहुत पसंद हैं। पहले यही देखा गया था कि जिन पेड़ों पर चमगादड़ ज्यादा थे उनके फल या फिर पानी पीने से यह वायरस फैल रहा है। वहीं मलेशिया में जब यह वायरस फैला था तब कहा गया था कि बीमार सुअरों की वजह से इंसानों तक वायरस पहुंचा है।

क्या हैं लक्षण
इस वायरस से संक्रमित होने के बाद इतना तेज बुखार आता है कि कुछ ही घंटों में इंसान कोमा में जा सकता है। इसके अलावा संक्रमण के शुरुआत में ही मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। आधे से ज्यादा मरीजों में न्यूरो की भी दिक्कत देखी गई है। संक्रमित लोगों में बुखार, तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द, उल्टी और गले में खराश देखी जाती है। निपाह के मामलों में मृत्यु दर 40 से 75 फीसदी हो सकती है।

 

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