वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 27 स्टेशनों पर 31 स्टाल

बिलासपुर

रेलवे की व्यापक पहुंच और महत्व को ध्यान में रखते हुये स्थानीय उत्पादों को देशभर में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर स्थानीय कपड़ों, हस्तशिल्प, मिटटी से निर्मित वस्तुएं, हथकरघा, बांस के उत्पाद, वनोपज आदि को बढ़ावा देने की योजना बनायीं गई है । स्थानीय उत्पादों को बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नाम मात्र शुल्क के साथ स्थानीय उत्पादों को 15-15 दिनों के लिए यह व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में “वन स्टेशन वन प्रोडक्ट” योजना के 27 स्टेशनों में लगभग 31 स्टाल लगाए गए है, जिसमें स्थानीय स्तर पर निर्मित एवं प्रसिद्ध वस्तुओं की बिक्री प्रारंभ की गई है । इन स्टेशनों में बिलासपुर रेल मण्डल के अंतर्गत 10 स्टेशन – बिलासपुर, अनुपपुर, चांपा, कोरबा, पेंड्रारोड, रायगढ़, शहडोल, सक्ती, नैला, उसलापुर, रायपुर रेल मण्डल के अंतर्गत 6 स्टेशन – रायपुर, दुर्ग, भिलाई पावर हाउस, मरौदा, दल्लीराजहरा, भाटापारा, नागपुर रेल मण्डल के अंतर्गत 11 स्टेशन – इतवारी, गोंदिया, नैनपुर, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, तुमसर रोड, भंडारा रोड, बालाघाट, कांप्टी, घंसौर एवं छिंदवाड़ा स्टेशन शामिल है ।

इन स्टालों में उपलब्ध कलाकृतियों एवं सामानों के माध्यम से स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए इन विलक्षण कलाकारी से यात्री परिचित हो रहे हैं साथ ही आवश्यकतानुसार इसकी खरीददारी भी कर रहे हैं तथा इनकी कारीगरी की तारीफ भी कर रहे हैं ।

इस योजना के तहत रेलवे छोटे किसानों और उद्यमों के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स विकसित करेगा। प्रत्येक रेलवे स्टेशन को एक स्थानीय उत्पाद के लिए प्रचार केंद्र की तरह देखा जा सकता है। यह किसानों और कृषि एवं उसके सहयोगी उद्यमों के लिए अधिक कुशल विकसित करने में मदद करेगा और स्टेशनों से गुजरने वाले व्यापक दर्शकों, यानी रेलवे यात्रियों के लिए अद्वितीय क्षेत्रीय उत्पाद पेश करेगा । इसका उद्देश्य रेलवे का उपयोग करके स्थानीय उत्पाद की आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाना है ।

इसके लिए कियोस्क स्टॉल का निर्माण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद द्वारा किया गया है । स्टेशन पर कियोस्क रेलवे अपने खर्च पर लगाकर देगा । उत्पादकर्ता को पंद्रह दिनों के लिए कियोस्क दिया जाएगा । रेलवे के इतिहास में पहली बार होगा कि कियोस्क लगाने के लिए लोगों द्वारा आवेदन किए जा रहे हैं । कियोस्क का ढांचा रेलवे देगा, जबकि जिसे यह अलाट होंगे, वे सामान रखकर बेच सकेंगे । इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना में प्रत्यक्ष रूप से प्राथमिक उत्पादकों के लिए है ।

एक स्टेशन-एक उत्पाद के तहत स्थानीय कलाकार को स्टेशन पर सिर्फ 15 दिन में ही अपने उत्पाद प्रदर्शित करने दिया जाएगा । इसके बाद दूसरे कलाकारों को मौका मिलेगा । एक माह में दो उत्पाद और एक साल में 24 उत्पाद एक स्टेशन के लिए रेलवे को चाहिए हैं । ऐसे में एक स्टेशन पर एक या दो नहीं बल्कि कई स्थानीय उत्पादों को यह स्टॉल उपलब्ध कराया जा रहा है ।
“वन स्टेशन वन प्रोडक्ट” योजना की इस अभिनव पहल से जहां मेक इन इंडिया का सपना साकार हो रहा है वहीं स्थानीय लघुकार, कारीगरों, हस्तशिल्पों की आय में वृद्धि भी हो रही है तथा स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में भी मदद मिल रही है तथा यात्रीगण इन स्थानीय स्वदेशी सामान की खरीदी कर इस कार्य में लगे कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान कर रहे हैं ।
——

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button