गंगा जमना स्कूल की खुल रही पोल, मस्जिद के लिए था गुप्त रास्ता, कार्रवाई के विरोध में जुलूस निकलने की आशंका……
दमोह
दमोह का गंगा जमुना स्कूल (Ganga Jamna School) हिजाब विवाद के कारण चर्चा में है. स्कूल पर धर्मांतरण (Religious Conversion) कराने के भी आरोप लगे हैं जिसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने प्रदेश भर के शिक्षण संस्थानों में संदिग्ध गतिविधियों की जांच के आदेश दिए हैं. मामले की जांच मध्य प्रदेश बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग ने मामले की जांच की है और जांच की रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को सौंपी है. इस रिपोर्ट में हैरान करने वाले दावे किए गए हैं.
बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि स्कूल में मस्जिद जाने का एक गुप्त रास्ता है. स्कूल से 20 मीटर लंबा रास्ता निकलता है जो सीधे मस्जिद के सामने खुलता है. इस रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह के कलेक्टर और एसपी को चिट्ठी लिखी है और स्कूल की मान्यता रद्द करने को कहा है. उधर, कलेक्टर मयंक श्रीवास्तव का कहना है कि स्कूल की मान्यता रद्द करने का अधिकार उनके पास नहीं है, बल्कि स्कूल विभाग और कमिश्नर के पास है.
अब स्थानीयस्तर पर स्कूल संचालक अल्पसंख्यक होने का लाभ उठाते हुए शिवराज सरकार पर दबाव बनाने के काम में जुट गया है। इसके लिए 9 जून शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वह एक बड़ा जुलूस निकालने की गुपचुप तैयारी कर रहा है। जिसकी सूचना खुलकर फिलहाल प्रशासन देने से बचता हुआ दिखा।
दरअसल, इस संबंध में दमोह जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह समेत दमोह सिटी कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत एवं देहात थाना प्रभारी सतेंद्र सिंह राजपूत इन सभी से जानना चाहा कि क्या ऐसा कुछ शुक्रवार को स्कूल संचालक द्वारा कोई कार्य किया जानेवाला है, किंतु इस पर अभी तक किसी की प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। वहीं दूसरी ओर दमोह शहर में इस बात की चर्चा आम है कि शुक्रवार की नमाज के बाद जुम्मे पर दमोह की मस्जिदों में इकट्ठे हुए मुसलमान अल्पसंख्यक गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल पर की गई कार्रवाई के विरोध में सड़क पर उतरेंगे।
इस संबंध में सूत्रों ने बताया है कि जुलूस की लगभग सभी तैयारियां मौन तरीके से की जा चुकी हैं, जिसे जैसे संदेश देना है, वह संदेश भी दिया जा चुका है, इसलिए हर सप्ताह के मुकाबले इस बार शुक्रवार को जुम्मे की नमाज करने मस्जिदों में ज्यादा भीड़ देखने को मिलेगी जो नमाज के तुरंत बाद सड़कों पर दिखाई देगी ।
इस मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्य प्रदेश सरकार को सोशल मीडिया के माध्यम से सचेत भी किया है। ट्विटर पर लिखी अपनी इस सूचना को उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी टैग किया है। उन्होंने लिखा है, ”दमोह माध्यप्रदेश में बच्चों का इस्लाम में मतांतरण करने के लिए ग्रूमिंग करने वाले स्कूल के संचालकों द्वारा सरकार पर एफआईआर वापिस लेने व कन्वर्जन विरोधी अधिनियम के तहत कार्रवाई न करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से कल जुम्मे की नमाज के बाद एक बड़ा धार्मिक जुलूस निकाले जाने की सूचना मिल रही है,,जानकारी मिली है कि हाजी इदरीस बच्चों के अभिभावकों के छद्म आवरण में असमाजिक व अराजक तत्वों का भारी जमावड़ा कर सकता है एवं बच्चों उपयोग भी कर सकता है। प्रशासन को जानकारी दी जा रही है।”
भारत के नक्शे से छेड़छाड़ के भी आरोप
प्रियंक कानूनगो ने दावा किया है कि इस गंगा जमना स्कूल में भारत के नक्शे से छेड़छाड़ की गई है. जबकि राज्य बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के सदस्य ओंकाj सिंह का कहना है कि जांच पड़ताल में स्कूल के कुछ और कारनामे सामने आए हैं. स्कूल में कई जगह आयतें लिखी हुई हैं और जब मामला सामने आया तो उसपर पेंट चढ़ाकर छिपाने की कोशिश की गई. बता दें कि अब तक तीन छात्रों की शिकायत के आधार पर स्कूल प्रबंधन समिति के 11 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
एक्शन में सीएम शिवराज सिंह चौहान
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी मामले पर संज्ञान लिया है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, 'दो बेटियों ने बयान दिए हैं, उन्हें बाध्य किया गया है. यह बहुत गंभीर मामला है, प्रकरण में एफआईआर होगी और कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. भोले-भाले मासूम बच्चे जिन्हें समझ ही नहीं है, उन्हें पढ़ाई के लिए बुलाकर यदि इस ढंग का प्रयत्न किया जाता है, तो हम किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिनके ऐसे इरादे हैं,वे कठोरतम दंड पाएंगे.'