उमा भारती रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 17 से लेकर 22 जनवरी तक अयोध्या में रहेंगी
भोपाल
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की फायरब्रांड नेता कही जाने वालीं उमा भारती ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया, जिसे सुन कर सभी हैरान हैं. उमा भारती अपने भोपाल वाले आवास पर समर्थकों से मिलीं और इसे अपनी 'अंतिम मुलाकात' बताया. भावुक होकर उन्होंने कहा, 'ये मेरी अंतिम विदाई है'. उन्होंने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए वह 17 से लेकर 22 जनवरी तक अयोध्या में रहेंगी और इसके बाद अपने गांव लौट जाएंगी और फिर वहीं रहेंगी.
इस दौरान उमा भारती ने राम मंदिर आंदोलन के समय को भी याद किया. राम मंदिर उद्घाटन से पहले उमा भारती ने साल 1992 में हुए राम मंदिर आंदोलन को याद किया. उन्होंने बताया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि के साथ-साथ उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुद्दे को भी उठाया था. वहीं, कल्याण सिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज हमने उन्हें भुला दिया है. साथ ही, लाल कृष्ण आडवाणी को लेकर कहा कि उन्होंने राम मंदिर के लिए मरने तक की इच्छा जताई थी. देवराह बाबा ने कहा था कि विवादित ढांचे की एक एक ईंट लोग अपने साथ लेकर जाएंगे और हुआ भी कुछ ऐसा ही.
राम मंदिर का न्योता ठुकराने को लेकर कांग्रेस पर भड़कीं उमा भारती
राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार करने पर उमा भारती ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अगर देश में रामराज्य लाना है, तो सबको साथ आना होगा. यह राजनीति का विषय नहीं. उमा भारती ने राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का न्योता ठुकराने के कांग्रेस के फैसले को 'अशोभनीय' बताया और कहा कि राहुल गांधी को अगर अपनी यात्रा शुरू ही करनी थी तो अयोध्या से या फिर पाक अधिकृत कश्मीर से करते.
कहां है उमा भारती का गांव?
जानकारी के लिए बता दें कि उमा भारती टीकमगढ़ जिले के डूडा गांव की रहने वाली हैं, यहीं उनका जन्म हुआ. कक्षा-6 तक उनकी शिक्षा यहीं हुई. अब उमा भारती अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के बाद अपने गांव चली जाएंगी.