दूर घटना का इंतजार जान खतरे में डालकर पुलिया पार कर रहे बाइक चालक और यात्री बसें, शासन प्रशासन बेखबर

बड़वानी (पाटी)
गर्मी के दिनों में गोई नदी का पानी सुख जाने के बाद पांचपुला में बने डेम का पानी गोई नदी में छोड़ा गया। जिससे नदी में लबालब पानी भर गया। वही डेम के पानी से पाटी नगर की गोई नदी पर बने वैकल्पिक पाइप पुलिया डूब गया,जिसके चलते पाइप पुलिया के ऊपर से पानी बहता रहा,पाइप पुलिया पर पानी होने से रास्ता बंद हो चुका था। ऐसे में लोग पुल के दोनों किनारे पर खड़े होकर पानी उतरने का इंतजार कर रहे थे। वही लापरवाही यात्री बस खतरा मोल लेते हुए पुलिया पर से पार करते रहे। साथ ही धीरे-धीरे बाइक और पैदल जाने वाले भी पानी से होकर गुजरने लगे तो कुछ लोग पानी उतरने का इंतजार भी कर रहे थे।

दरअसल नगर की गोई नदी पर नवीन उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य जारी है। अस्थाई रूप से वाहनों के आवागमन के लिए वैकल्पिक पाइप पुलिया बनाया गया लेकिन पाइप पुलिया की ऊँचाई कम होने से इन दिनों नदी का पानी पाइप पुलिया के ऊपर से जा रहा है। यह पानी तो डेम का है जो कि एक दिन में कम भी हो जाता हैं लेकिन जब बारिश का पानी नदी में आएगा तो कम होने में उसे कई दिन लग जाएंगे। ऐसी स्थिति में इस पाइप पुलिया से गुजरने वाले वाहन चालक समेत राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

इस गोई नदी में  पहाड़ियों का पानी आता है जो कि तेज बहाव में आता है। ऐसी स्थिति में वैकल्पिक पाइप पुलिया के ऊपर से पानी जाने से वाहन चालक नदी पार नहीं कर सकते हैं इस दौरान उन्हें परिवर्तित मार्ग ओसाडा में रोसर फाटा से सेमली,बमनाली, वेरवाड़ा, वाली होकर पाटी पहुँचना होगा। जिसकी दूरी करीबन 10 किमी है। इस परिवर्तित मार्ग में भी बमनाली व आवली में नाले पर दो बड़ी पुलिया बन रही हैं, जिसके चलते वहाँ पर भी परिवर्तित मार्ग बनाया गया है। यह पुलिया भी बनकर तैयार नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में बारिश के दिनों में वाहन चालक समेत राहगीरों का नदी पार कर पाटी जाने का संपर्क कई दिनों तक टूट सकता है। यह मार्ग जिला मुख्यालय समेत महाराष्ट्र राज्य को जोडता है। रोजाना सैकड़ो वाहनों का आवागमन होता है।

गोई नदी पर बने पाइप पुलिया के दोनो किनारे संकेतक बोर्ड भी लगाए जाना चाहिए ताकि बारिश के दिनों में वाहन चालक जब पुलिया के ऊपर पानी हो तो पुलिया पार ना करें और घटना दुर्घटनाओं से बच सके। लेकिन यहां पर किसी तरह के कोई संकेतक बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं।

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