कॉलेजों में अटेंडेंस को लेकर भेदभाव पर विवाद
भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों की अटेंडेंस अब सार्थक एप से करवाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। विभाग ने पत्र जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि अतिथि विद्वानों को आॅनबोर्ड करने के लिए संबंधित कालेजों को उनके मेल में आईडी पासवर्ड बनाकर भेजे जा रहे हैं।
रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके अनुसार पहले चरण में भोपाल जिले के अतिथि विद्वानों को 14 फरवरी दोपहर 12 बजे का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद क्रमश: पूरे प्रदेश के अतिथि विद्वानों पर ये लागू किया जाएगा। नियमित प्रोफेसरों की उपस्थिति लगने में कोई नियम विभाग ने स्पष्ट नहीं किए हैं। बायोमेट्रिक से प्रोफेसरों की उपस्थिति लगना अब बंद हो गया है। वे रजिस्टर्ड पर सिर्फ हस्ताक्षर कर रहे हैं। जबकि अतिथि विद्वानों की उपस्थिति को लेकर आईडी पासवर्ड तैयार जा रहे हैं। एक विभाग में प्रकार के शिक्षकों के लिऐ दो अलग-अलग प्रकार से उपस्थित लगाने के व्यवस्था की जा रही है। इसे लेकर चौतरफा विरोध दर्ज हो रहा है।
अतिथि विद्वानों को भी मिले 65 कार्य: अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित किया जाए। भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादे 50 हजार फिक्स वेतन एवं 65 वर्ष उम्र तक अतिथि विद्वानों की सेवा जारी रखने का आदेश जारी हों।
अतिथि संचालित कर रहे कॉलेज
अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह का कहना है कि अतिथि विद्वानों की उपस्थिति भी प्रोफेसरों के जैसे ही होनी चाहिए। उन्होंने बताया की अतिथि विद्वानों के भरोसे ही कालेज संचालित किए जा रहे हैं। अतिथि विद्वान तो कई जगह प्राचार्य का कर्तव्य भी निभा रहे हैं। अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करने की तरफ सरकार कदम उठाए। महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ. आशीष पांडेय ने कहा कि इन सब बातों और आदेशों से अतिथि विद्वानों की समस्या नहीं सुलझेगी।