बांग्लादेश के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि देश में हिंदुओं पर हमले की घटनाओं को भारत ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया

नईदिल्ली / ढाका

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की घटनाओं को भारत ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है. उन्होंने कहा है कि अल्पसंख्यकों पर हमले सांप्रदायिक नहीं बल्कि राजनीति से प्रेरित हैं और इसे बड़ा करके बताया जा रहा है.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर क्या बोले मोहम्मद यूनुस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में उम्मीद जताई कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी. उन्होंने कहा था कि 1.4 अरब भारतीय पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

भारत की इस चिंता पर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले सांप्रदायिक से ज्यादा राजनीतिक हैं और इन्हें गलत ढंग से पेश किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, 'ये हमले राजनीतिक प्रकृति के हैं, न कि सांप्रदायिक. और भारत इन घटनाओं को बड़ा कर दिखाने की कोशिश कर रहा है. हमने यह नहीं कहा है कि इसे रोकने के लिए हम कुछ नहीं कर सकते; हमने कहा है कि हम सब कुछ कर रहे हैं.

5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमले की खबरें आईं. उनके मंदिरों और उनके बिजनेस को निशाना बनाया गया. इस हिंसा को लेकर यूनुस ने कहा कि हिंदुओं पर हमले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है और ये घटनाएं सांप्रदायिक हिंसा के बजाय राजनीतिक उथल-पुथल का नतीजा हैं.

'भारत यह धारणा छोड़े कि केवल शेख हसीना…'

भारत से आग्रह किया है कि वो इस धारणा को छोड़ दे कि सिर्फ शेख हसीना के हाथों में ही बांग्लादेश सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि यह सोचना गलत है कि शेख हसीना के नेतृत्व के बिना बांग्लादेश अफगानिस्तान बन जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए इस धारणा का त्याग जरूरी है.

बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद शेख हसीना 5 अगस्त को भारत भाग आई थीं. इसके बाद बांग्लादेश में नोबेल विजेत प्रो. यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था. पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत ने नई सरकार से संबंध बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई से एक इंटरव्यू में मोहम्मद यूनुस ने कहा, 'भारत के लिए आगे का रास्ता इस नैरेटिव से बाहर आना है. नैरेटिव यह है कि हर कोई इस्लामवादी है, बीएनपी (बांग्लादेश की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) इस्लामवादी है, और बाकी सभी इस्लामवादी हैं और इस देश को अफगानिस्तान बना देंगे. भारत की धारणा है कि बांग्लादेश केवल शेख हसीना के नेतृत्व में ही सुरक्षित हाथों में है. भारत इस नैरेटिव से जकड़ा हुआ है. भारत को किसी भी अन्य देश की तरह, इस नैरेटिव से बाहर आने की जरूरत है.'

यूनुस ने भारत के साथ मजबूत संबंधों की इच्छा जताई और दोनों दोनों पड़ोसियों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए अधिक सहयोग का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'हमारा रिश्ता निचले स्तर पर है जिसे सुधारने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.'

'जब तक हम प्रत्यर्पण की मांग नहीं करते, शेख हसीना को…'

सेना के समर्थन से बनी अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने यह भी कहा कि शेख हसीना को भारत में रहते हुए बांग्लादेश को लेकर कोई बयान नहीं जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें तब तक चुप रहना चाहिए जब तक कि बांग्लादेश भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग नहीं करता.

यूनुस ने कहा, 'अगर भारत उन्हें तब तक अपने पास रखना चाहता है जब तक बांग्लादेश सरकार उन्हें वापस नहीं चाहती, तो शर्त यह होगी कि उन्हें चुप रहना होगा.'

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button