पत्नी अक्षता के शेयर के कारण अनजाने में नियमों के उल्लंघन को लेकर प्रधानमंत्री सुनक ने माफी मांगी

लंदन
 ब्रिटेन की एक जांच रिपोर्ट में यह सामने आने के बाद कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक 'भ्रम वश' और 'अनजाने' में पत्नी अक्षता मूर्ति के संबंधित व्यावसायिक हितों को सार्वजनिक करने में असफल रहे हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश संसदीय निगरानी संस्था से माफी मांगी है।

सरकार ने बच्चों की देखभाल करने वाली संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने के सरकार के फैसले के बाद प्रधानमंत्री सुनक यह घोषित करने में असफल रहे थे कि सरकार द्वारा वित्तीय सहायता देने के लिए चुनी गई ऐसी संस्थाओं में से एक की शेयरधारक उनकी पत्नी भी हैं। इस संबंध में सुनक पर आरोप लगने के बाद मानक मामलों के संसदीय आयुक्त डैनियल ग्रीनबर्ग ने प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच शुरू की थी।

सुनक (43) ने संसदीय निगरानी संस्था को बताया कि उन्होंने 'मिनिस्टीरियल रजिस्टर' में इसकी घोषणा की थी जिसके बाद ग्रीनबर्ग ने निष्कर्ष निकाला कि हितों की घोषणा के संबंध में सुनक भ्रम की स्थिति में थे।

बुधवार को जारी अपनी जांच रिपोर्ट में ग्रीनबर्ग ने कहा है, ''मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि घोषणा करने में यह असफलता भ्रम के कारण हुई है और श्रीमान सुनक ने अनजाने में ऐसा किया।''

हालांकि, संस्था के स्थाई आदेश के अनुरूप सुनक ने नियमों के उल्लंघन को स्वीकार किया और इसके लिए माफी मांगी। उन्होंने आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, ''मैं अनजाने में हुई इन गलतियों के लिए माफी मांगता हूं और आपके सुधारात्मक उपायों को स्वीकार करता हूं।''

 

चंद्रयान 3 की सफलता पर गर्व है, आपके साथी बनकर खुश हैं : अमेरिका

वाशिंगटन
 चांद पर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक उतरने के लिए अमेरिकी राजनेताओं, समाचार पत्रों और अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थानों ने बुधवार को भारत की सराहना की। इस उपलब्धि के साथ ही भारत, अमेरिका, रूस और चीन के साथ उस विशिष्ट सूची में शामिल हो गया, जिनके पास चंद्रमा की सतह पर अपना रोवर है।

अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मानना है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पानी का पता चल सकता है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ”चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक और ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत को बधाई।”

हैरिस ने कहा, ”इस मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। हमें इस मिशन और अंतरिक्ष खोज में आपके साथ व्यापक रूप से जुड़े रहने पर गर्व है।” उपराष्ट्रपति हैरिस ‘नेशनल स्पेस काउंसिल’ की प्रमुख भी हैं। हैरिस की मां भारतीय थीं।

इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे में अंतरिक्ष सहयोग, चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक था। मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और साथ ही दोनों देशों ने मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर काम करने का फैसला किया था।

नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, ”चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर इसरो को बधाई। भारत को चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने पर बधाई। हम इस मिशन में आपके भागीदार बनकर खुश हैं।”

चंद्रयान-3, बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया। अभी तक कोई भी अन्य देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच पाया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिणी ध्रुव पर जमे हुए पानी और बहुमूल्य तत्वों के महत्वपूर्ण भंडार हो सकते हैं। दक्षिणी ध्रुव पर जा रहा रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान रविवार को अनियंत्रित होकर चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ”चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए इसरो और भारत के लोगों को बधाई। आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष खोज पर हम भारत के साथ अपनी साझेदारी को और गहरा करने के लिए उत्सुक एवं तत्पर हैं।”

सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर जॉन कॉर्निन ने कहा कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 का उतरना ‘नए भारत की जीत की हुंकार’ है।

कांग्रेस के सदस्य रिच मैककॉर्मिक ने कहा, ”यह भारत में हमारे दोस्तों के लिए एक अद्भुत उपलब्धि है।”

कांग्रेस सदस्य डॉन बेयेर ने इसरो को और 'इस अभूतपूर्व उपलब्धि को संभव' बनाने के लिए काम करने वाले सभी लोगों को बधाई दी।

कांग्रेस के भारतीय अमेरिकी सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि विक्रम लैंडर का चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरना भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि और दुनिया के लिए चंद्रमा के रहस्यों की खोज की दिशा में बड़ा कदम है।

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सत्या नडेला और गूगल के सुंदर पिचाई ने भारत के चंद्रयान मिशन की सफलता की सराहना की।

नडेला ने कहा, ”चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर मैं इसरो को बधाई देता हूं। भारत और अंतरिक्ष खोज के भविष्य के लिए यह कितना रोमांचक क्षण है।”

पिचाई ने चंद्रयान को एक अविश्वसनीय क्षण करार दिया और कहा, ”चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया।”

आईएमएफ की पहली उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा ''क्या बात है, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग भारत के लिए और संपूर्ण मानवता के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसरो और भारत में सभी को बधाई।''

अफ्रीकी अमेरिकी गायिका मैरी मिलिबेन ने विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किए गए अपने वीडियो संदेश में कहा ''भारत, आपने तो इतिहास रच दिया आज। जितनी तारीफ़ की जाए, कम है। ''

मुख्यधारा के अमेरिकी अखबारों ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की है। पूर्व में इनमें से कई अखबारों ने भारत के अंतरिक्ष मिशन को लेकर संदेह जताया था और कार्टूनों के माध्यम से मजाक भी उड़ाया था।

न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है ''चंद्रयान-3 मिशन ने भारत को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला देश बना दिया और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नयी उपलब्धि जोड़ दी है।''

वॉशिंगटन पोस्ट ने चंद्रयान-3 पर अलग अलग खबरें दी हैं और इस ऐतिहासिक अवसर पर एक अपने विचार व्यक्त किये हैं। अखबार के 'डेप्युटी ओपीनियन एडीटर' डेविड वॉन ड्रेहले ने लिखा है ''यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक अतुलनीय उपलब्धि और भूराजनीति में महत्वपूर्ण बल का एक प्रतीक भी है। उसी जगह पर उतरने का रूस का प्रयास हाल ही में विफल होना उसी तरह था मानो रूस के पतन में और तेजी आ गई हो। इसके बाद भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली।''

द वाल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा ''भारत चंद्रमा पर : चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक उतरा''।

 

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