जामपारा में फर्जी पंजीयन और बोनस धान खरीदी के मामले में 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

रायपुर  

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित, जामपारा में फर्जी पंजीयन और बोनस धान खरीदी के मामले में तत्कालीन समिति प्रबंधक समेत 12 लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है. कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उप संचालक, कृषि एवं तहसीलदार, बैकुंठपुर की संयुक्त जांच समिति गठित कर तत्काल जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. वहीं जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार 11 एकीकृत पंजीयन आईडी के तहत कुल 81 खसरों में 20.39 हेक्टेयर भूमि का अवैध रूप से पंजीकरण किया गया. इन खसरों पर बोनस धान खरीदी के माध्यम से शासन को 5 लाख 99 हजार 432 की आर्थिक नुकसान पहुंचा है.

कब से चल रहा था फर्जीवाड़ा
जांच में पाया गया कि ग्राम अमरपुर निवासी टीपन सिंह की आईडी से 2019-2024 के बीच 79 क्विंटल से अधिक धान की बिक्री की गई. इसी तरह ग्राम मोदीपारा निवासी रामलखन की आईडी से 2021-2024 के दौरान 214 क्विंटल से अधिक धान की बिक्री की गई.

रिपोर्ट में बताया गया कि कूटरचित पंजीकरण और बोनस धान खरीदी के माध्यम से अवैध रूप से आर्थिक लाभ अर्जित किया गया. जांच समिति ने दोषपूर्ण पंजीकरण निरस्त करने की सिफारिश की है.

इन पर दर्ज हुआ केस
तत्कालीन प्रबंधक प्रभाकर सिंह समेत 11 अन्य व्यक्तियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है. इन पर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने और फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप है. आरोपियों में सुरेश राम, सत्यम साहू, शनि कुमार साहू, रामस्वरूप, अशोक यादव, रामलखन, कुमारी प्रज्ञा दुबे, प्रेमशंकर, अदिति साहू, टीपन सिंह और साधन कुमारी के नाम शामिल हैं.

जिले में धान खरीदी प्रारंभ होने के साथ ही कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने अवैध धान परिवहन, भंडारण और फर्जी पंजीयन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. पुलिस अधीक्षक (SP) सूरज सिंह परिहार ने भी ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

जांच और निगरानी जारी
प्रशासन ने जिले में चेक पोस्ट स्थापित कर 24 घंटे निगरानी शुरू कर दी है. कलेक्ट्रेट कार्यालय में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है. विशेष जांच दल ने अब तक 184 क्विंटल अवैध धान जब्त कर प्रकरण दर्ज किया है.

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