महिलाएँ भारतीय ज्ञान परम्परा की संरक्षिका और प्रवाहिका : मंत्री सुश्री भूरिया

महिलाएँ भारतीय ज्ञान परम्परा की संरक्षिका और प्रवाहिका : मंत्री सुश्री भूरिया

मैनिट में आयोजित तीन दिवसीय स्त्री 2024 का हुआ समापन

मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि महिलाएँ भारतीय ज्ञान परम्परा की संरक्षिका और प्रवाहिका

भोपाल

महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि महिलाएँ भारतीय ज्ञान परम्परा की संरक्षिका और प्रवाहिका हैं। उन्होंने कहा किआदिकाल से माँ सरस्वती को ज्ञान एवं विद्या की देवी माना गया और दुर्गा को शक्ति का प्रतीक, इससे स्पष्ट है कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं के योगदान को आदिकाल से महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति की इस परम्परा का निर्वहन आज तक जारी है। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकास के एक नये आयाम स्थापित कर रहा है और इसमें महिलाओं का योगदान अग्रणी है। आज जब भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, तब इस लक्ष्य को तेज गति से हासिल करने के लिये महिलाओं का सशक्तिकरण, अनुसंधान, और उद्यमिता पर ध्यान दिया जा रहा है। इससे महिलाओं की भागीदारी न केवल समाज को सशक्त बनाती है, बल्कि देश को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। मंत्री सुश्री भूरिया रविवार को मैनिट में आयोजित 'स्त्री 2024' के तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन को संबोधित कर रही थी।

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि महिलाएँ आदिकाल से भारतीय ज्ञान-परम्परा की न केवल संरक्षिका व प्रवाहिका रही है, वरन ज्ञान और कौशल भी महिलाओं से ही प्रारंभ हुआ है। यही कारण है कि महिलाओं को जननी कहा जाता है। वैदिक काल में महिलाएँ शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी थीं। गार्गी, मैत्रेयी, और लोपामुद्रा जैसी विदूषियों ने वेदों और शास्त्रों पर अपने विचार प्रस्तुत किये। महिलाओं ने वैदिक मंत्रों की रचना की और दर्शन, गणित, और ज्योतिष जैसे क्षेत्रों में ज्ञान का विकास किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हर क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण लाड़ली बहना योजना है, जो देश की अपनी तरह की सबसे बड़ी योजना है, जो महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान कर रही है। साथ ही महिलाएँ रोजमर्रा की जरूरतों के लिये किसी अन्य पर निर्भर नहीं हैं। मुझे प्रसन्नता है कि इस तरह के एक्स-पो के आयोजन से विभिन्न मुद्दों को उठाया जाता है। इस तरह के आयोजन से स्थानीय संभावनाओं को तलाश कर नई संभावनाओं को विकसित किया जा सकता है। मेरा मानना है कि महिलाओं को जो भी दायित्व दिए जाते हैं, उन्हें वे तल्लीनता व एकाग्रता से निर्वाह करती हैं।

मंत्री श्रीमती भूरिया ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार किसी भी देश के विकास के मूलभूत आधार हैं। महिलाओं ने अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और दृढ़ता से उल्लेखनीय योगदान दिया है। महिलाएँ चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार कर रही हैं। आज के परिप्रेक्ष्य में ज्ञान को समझने और उसका प्रभावी उपयोग करने के लिए हमें परंपरागत और आधुनिक दृष्टिकोणों का सामंजस्य स्थापित करना होगा। ज्ञान को केवल सैद्धांतिक रूप से समझने के बजाय उसे व्यावहारिक जीवन में लागू करना आवश्यक है। इसके लिए मेरा मानना है कि नॉलेज को केवल इन्फॉर्मेशन तक सीमित न रखें वरन् इसे समझ, अनुभव और विवेक या विसडम में बदलने के लिये भी तैयार रहें।

मंत्री श्रीमती भूरिया ने कहा कि महिलाओं को जेंडर बेस्ड हिंसा या किसी भी प्रकार की हिंसा से बचाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक करने के लिये पखवाड़े की शुरुआत की है। यह पखवाड़ा 25 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से न सिर्फ महिलाओं, पुरुषों को भी जागरूक किया जा रहा है, जिससे वे अपने व्यवहार में परिवर्तन ला पायें। इससे समाज में भय मुक्त वातावरण का निर्माण होगा।

आइशर के संचालक प्रो. गोवर्धन दास ने कहा कि माँ और मातृभूमि ही हमारी शक्ति का संचार है। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि विज्ञान भारती ज्ञान परम्परा सर्वधन और संरक्षण में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। मैनिट के संचालक प्रो. के.के. शुक्ला ने कहा कि नारी ही ऐसी शक्ति है, जो हर परिस्थिति में मजबूत रहकर अहम भूमिका निभाती है। शक्ति की रष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुधा तिवारी ने कहा कि जब तक 50 प्रतिशत आबादी देश के प्रगति पर अपना सहयोग नहीं देगी, देश तरक्की नहीं कर सकता। हमें पारम्परिक ज्ञान के महत्व को समझना होगा।

इस अवसर पर मंत्री सुश्री भूरिया ने सुश्री निकिता नागारी को बेस्ट पोस्टर अवार्ड, डॉ. अंजलि ए. कुलकर्णी को बेस्ट पेपर प्रेजेन्टेशन अवार्ड और आंध्रप्रदेश के श्री पोन्दुरू कधार को बेस्ट स्टॉल अवार्ड देकर सम्मानित किया। उन्होंने मेनिट परिसर में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button