पीएम किसान सम्मान निधि में डिंडोरी तहसीलदार का गजब काम, शासन को 2.83 करोड़ रुपए का हुआ है नुकसान

डिंडोरी
 पीएम किसान सम्मान निधि में गड़बड़ी को लेकर जबलपुर कमिश्नर अभय वर्मा ने डिंडोरी जिले के तत्कालीन तहसीलदार बिसन सिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया है। तत्कालीन तहसीलदार पर लगे आरोप सही पाए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सुशीला बाई और कीरत सिंह को पात्र माना गया। दोनों को 05 सितंबर 2019 से 20 अक्टूबर 2019 तक और 25 नवंबर 2019 से 07 अगस्त 2021 तक पीएम किसान योजना की किस्त प्रदान की गई। बाद में इन लाभुकों को मृत बताकर योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया। हालांकि बाद में जांच के दौरान पता चला कि दोनों जीवित हैं।

तहसीलदार की आईडी से मृत घोषित किया गया

इसके साथ ही जांच में यह पाया गया कि दोनों लाभुक जीवित हैं। सुशीला बाई और कीरत सिंह को तहसीलदार की आईडी से मृत अंकित किया गया है। जबलपुर कमिश्नर ने पाया कि तहसीलदार का यह कार्य गंभीर लापरवाही का द्योतक है।

बिना जमीन के ही किसान सम्मान निधि का लाभ

वहीं, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के सत्यापन के दौरान तहसील डिंडोरी के अंतर्गत लगभग 2700 ऐसे किसान पाए गए, जिनके नाम पर भूमि नहीं है। तहसीलदार द्वारा सत्यापित कर इन्हें पीएम किसान योजना का लाभ दिया जा रहा था। सेल्फ रजिस्ट्रेशन के माध्यम से किसान सिर्फ अपना पंजीयन कर सकते है, लेकिन पात्रता की जांच कर अनुमोदन तहसीलदार की आईडी से किया जाता है। तहसीलदार ठाकुर द्वारा हितग्राहियों की पात्रता संबंधी जांच परीक्षण नहीं किया गया है।

2.83 करोड़ रुपए की राशि का नुकसान

इस कारण से अपात्र लोगों को योजना का लाभ प्राप्त हुआ। साथ ही शासन को 2.83 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। क्षति की राशि में से मात्र राशि 6.85 लाख रुपए की वसूली की गई, जो मात्र 2.42 प्रतिशत है। तहसीलदार की करतूत वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। सत्यापन के दौरान लगभग 300 ऐसे हितग्राही पाए गए, जिनके परिवार के मुखिया के साथ-साथ अन्य सदस्यों को भी लाभ दिया जा रहा था। इनमें से कुछ तो नाबालिग और स्कूल में अध्ययनरत सदस्यों को लाभ दिया गया है।

पात्रता की जांच नहीं की

इससे साफ पता चलता है कि तत्कालीन तहसीलदार ठाकुर द्वारा अनुमोदन करने से पूर्व संबंधित हितग्राहियों के पात्र होने का परीक्षण नहीं किया गया है। इसके साथ ही न ही अधीनस्थ अमले से जांच कराई गई है। यह कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।

3916 अपात्रों को दिए लाभ

तत्कालीन तहसीलदार ठाकुर ने पीएम किसान सम्मान की शासन के निर्देशों के विपरीत निधि योजनांतर्गत लगभग 3916 अपात्र कृषकों पात्र करते हुए योजना से लाभांवित किया जाता रहा। इससे शासन को लगभग राशि रूपये 2.83 करोड़ की क्षति हुई है। ठाकुर द्वारा ऐसे व्यक्तियों को लाभ दिया गया है, जिनके नाम पर जमीन नहीं है। श्री ठाकुर का उक्त कृत्य वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। जांच के दौरान पीएम किसान पोर्टल पर योजना का लाभ ले चुके अपात्र किसानों से वसूल की जाने वाली राशि 3,68,70,000/- के विरूद्ध 15,17,000/- रुपए की वसूली की जा चुकी है।

वित्तीय अनियमितता सामने आई

जबलपुर कमिश्नर अभय वर्मा ने कहा कि तहसीलदार बिसन सिंह ठाकुर द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत राशि वितरण लापरवाही बरती गई। उनका यह कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत है और कदाचार की श्रेणी में आता है। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में तहसीलदार का मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, सिवनी नियत किया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button