अमेरिका के हाथ लगा समंदर के नीचे दबा ‘सफेद सोने’ का सबसे बड़ा भंडार, चीन का दबदबा होगा खत्म!

वॉशिंगटन
 अमेरिकी वैज्ञानिकों
ने बहुत बड़े लिथिमय भंडार की खोज की है। इस बेशकीमती भंडार की खोज कैलिफोर्निया के साल्टन सागर के धुंधले पानी के नीचे की गई है। एक अनुमान के अनुसार, इस भंडार की कीमत 540 अरब अमेरिकी डॉलर हो सकती है। लिथियम को सफेद सोना कहा जाता है, जो अमेरिका को इस धातु के मामले में आत्मनिर्भर बनने का एक मौका प्रदान कर सकता है। इससे विदेशी आयात पर उसकी निर्भरता काफी कम हो जाएगी।
सफेद सोने को हासिल करने में चुनौती

यह खोज अमेरिका के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इस खजाने को निकालने के लिए कई चुनौतियां भी आती हैं, जो स्थानीय समुदायों, पर्यावरण और भू-राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती हैं। दक्षिणी कैलिफोर्निया के इंपीरियल काउंटी में स्थित साल्टन सागर लंबे समय से आकर्षण और चिंता का विषय रहा है। कभी पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य रहा यह झील पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।

लिथियम का बड़ा भंडार

इसकी सतह के नीचे दुनिया में लिथियम ब्राइन के सबसे बड़े भंडारों में से एक है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग की फंडिंग से किए गए हाल के अध्ययन बताते हैं कि झील के नीचे लगभग 1.8 करोड़ टन लिथियम दबा हुआ है। यह पहले पुष्ट किए गए 40 लाख टन से कहीं ज्यादा है।

लिथियम का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बैटरी बनाने में होता है। यह ईवी बैटरी उद्योग का नया रूप दे सकता है। इससे 38.2 इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए पर्याप्त लिथियम उपलब्ध होगा। यह वर्तमान में अमेरिकी सड़कों पर चलने वाले वाहनों की कुल संख्या से भी ज्यादा है।

चीन पर खत्म होगी निर्भरता

अध्ययन में योगदान देने वाले कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रिवरसाइड के प्रोफेसर ने खोज के महत्व पर जोर देते हुए कहा, यह दुनिया के सबसे बड़े लिथियम ब्राइन भंडारे में से एक है। इससे अमेरिका लिथियम में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो सकता है और चीन से इसका आयात बंद कर सकता है।

बैटरी के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते सफेद सोना कहे जाने वाले लिथियम के भंडार ने कैलिफोर्निया के राजनीतिक हलकों में भी उत्साह जगाया है। गवर्नर गेविन न्यूजॉम ने खोज के बाद साल्टन सागर को लिथियम का सऊदी अरब कहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों की लहर के कारण लिथियम की वैश्विक मांग आसमान छू रही है। ऐसे में अमेरिका के पास लिथियम उत्पादन में वैश्विक नेता के रूप में खुद को स्थापित करने का एक अनूठा अवसर है। संभवतः यह प्राथमिक आपूर्तिकर्ता के रूप में चीन को पीछे छोड़ सकता है।

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