हिंडनबर्ग जिन्न को दोबारा जिंदा करने की कोशिश! नए आरोपों पर अडानी ग्रुप की सफाई

नई दिल्ली

अरबपति जॉर्ज सोरोस समर्थित ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के आरोपों पर अडानी समूह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अडानी समूह ने कहा कि यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने और समूह की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित प्रयास है। OCCRP के आरोप के मुताबिक अडानी समूह ने मॉरीशस स्थित गुमनाम निवेश फंड्स के जरिए ग्रुप के शेयरों में करोड़ों रुपये लगाए हैं।

क्या कहा समूह ने: अडानी समूह ने कहा- हम इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं। ये समाचार रिपोर्ट सोरोस समर्थित विदेशी मीडिया के एक वर्ग के जरिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस प्रयास प्रतीत होती है। वास्तव में यह रिपोर्ट स्वाभाविक सा लगता है।" समूह ने आगे कहा कि रिपोर्ट के दावे एक दशक पहले के बंद मामलों पर आधारित हैं। तब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में पैसे ट्रांसफर, संबंधित पार्टी लेनदेन और एफपीआई के माध्यम से निवेश के आरोपों की जांच की थी। इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है।

इससे पहले OCCRP रिपोर्ट में कहा गया था कि "गुमनाम" मॉरीशस फंड के माध्यम से अडानी समूह के कुछ शेयरों में निवेश किया गया था। आरोप के मुताबिक यह प्रमोटर फैमिली के पार्टनर्स करी ओर से निवेश किया गया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जांच के दौरान कम से कम दो मामले ऐसे मिले जहां निवेशकों ने ऑफशोर के माध्यम से अडानी स्टॉक की खरीदारी या बिक्री की। बता दें कि यह रिपोर्ट अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अनुचित व्यापारिक लेनदेन का आरोप लगाने के कम से कम आठ महीने बाद आई है।

 

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