मध्य प्रदेश की मोहन सरकार का बड़ा फैसला, 46000 से ज्यादा नए पदों के सृजन की दी मंजूरी
भोपल
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करने के लिए मोहन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार राज्य स्तरीय मानक अनुसार स्वास्थ्य संस्थाओं में नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। पदों का सृजन होते ही इन पर भर्ती प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी। बता दें कि स्टाफ की कमी के कारण आए दिन मरीजों को परेशानी और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य सेवाओं को और प्रभावी तथा सुलभ बनाया जा सके। मोहन कैबिनेट ने ये फैसला लिया है।
46 हजार से ज्यादा नए पदों का सृजन
मध्य प्रदेश सरकार अब अस्पतालों में स्टाफ की कमी दूर करने में लग गई है। मोहन कैबिनेट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए संशोधित मानव संसाधन मानदंडों (आईपीएचएस) को मंजूरी दी। इसके तहत राज्य स्तरीय मानक अनुसार स्वास्थ्य संस्थाओं में 46491 नवीन पदों (नियमित, संविदा, आउटसोर्स) के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
दो साल में भरे जाएंगे पद
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने स्वास्थ्य संस्थानों और चिकित्सा सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि 27 हजार 838 पदों की पूर्ति एनएचएम के और शेष 18 हजार 653 पदों की पूर्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी। इन पदों पर आगामी दो वित्तीय वर्षों में की जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने IPHS मानकों के अनुरूप नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने नवीन जिला चिकित्सालयों में रिक्त पदों की पूर्ति और निर्माणाधीन कार्यों की सतत निगरानी करने की बात की है।
स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्व में 47 हजार 949 नियमित पद
स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्व में 47 हज़ार 949 नियमित पद स्वीकृत थे. कैबिनेट द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों के लिए नए 18 हज़ार 653 (जो लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि है) पदों की स्वीकृति से कुल 66 हज़ार 602 नियमित पद हो जाएंगे. प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 7 हज़ार 182, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 5 हज़ार 346, सिविल अस्पतालों में 2 हज़ार 712 और जिला चिकित्सालयों में 3 हज़ार 458 नवीन पद की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गयी है.
स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के हैं प्रयास
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश विज़न में भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों के आधार पर स्वास्थ्य संस्थाओं में मानव संसाधन की पूर्ति करना प्रदेश की सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है. सशक्त आत्मनिर्भर प्रदेश के लिए नागरिकों का स्वास्थ्य आधारशिला है. गुणवत्तापूर्ण लोक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान सुनिश्चित करना इसके लिए महत्वपूर्ण है. इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आई.पी.एच.एस. मानक निर्धारित किए गए हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के विजनरी नेतृत्व और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की प्रतिबद्धता से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लगातार प्रयास हो रहे हैं. इसी क्रम में कैबिनेट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए संशोधित मानव संसाधन मानदंडों (आईपीएचएस) को मंजूरी दी है.
24 घंटे क्रियाशील होंगे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य जांच सुविधा के प्रदाय में सहूलियत होगी. आई.पी.एच.एस. की अनुसंशा के अनुसार मानव संसाधन की उपलब्धता से मध्यप्रदेश में समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को पूरे समय क्रियाशील रखा जा सकेगा. समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पूरे 24 घंटे प्रसव सुविधाएं मिल सकेगी. समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक औषधियां एवं आवश्यक पैथोलॉजी जांचे और आवश्यक प्राथमिक उपचार और रेफरल सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी.
बीमारियों को समय से पहचाना जाएगा
मरीज के स्वास्थ्य पर प्रभाव होने से पहले इलाज करने में सहायता होगी एवं बीमारियों की पहचान करने के लिए स्क्रीनिंग तथा निदान के बाद बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए प्रबंध करना संभव हो सकेगा. संचारी एवं असंचारी रोग तथा अन्य गंभीर बीमारी जैसे मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस, हार्ट अटैक, पैरालिसिस आदि का गुणवत्तापूर्ण इलाज संभव हो सकेगा.
नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच, टीकाकरण, हाईरिस्क प्रेगनेंसी की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन, सुरक्षित प्रसव एवं परिवार कल्याण संबंधी परामर्श/पीपीआईयूसीडी की सुविधा सुलभ होगी. इससे लंबे समय में मातृ मृत्यु दर में गिरावट लाने में सफलता हासिल होगी. आवश्यक नवजात शिशु देखभाल, शीघ्र स्तनपान, टीकाकरण, कमजोर/बीमार शिशु की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन समुदाय के समीप उपलब्ध होगा. प्रदेश में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर तथा सकल प्रजनन दर में कमी लाई जा सकेगी.
मेडिकल रिकॉर्ड का डिजीटाईजेशन
समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में डाटा डिजीटाईजेशन की दिशा में ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर संचालित किया जाने में नवीन पद सहायक होंगे. रोगियों का ऑनलाईन पंजीकरण की सुविधा मिल सकेगी साथ ही मरीजों का रिकॉर्ड (डिस्क्रिपशन, जांच तथा अन्य) का भी डिजिटल संग्रहण किया जा सकेगा. साथ ही रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड का डिजीटाईजेशन का कार्य किया जा सकेगा. समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में ई-फाईलिंग सिस्टम, सी.सी.टी.वी., पी.एस. सिस्टम इत्यादि जैसे आई.टी. टूल्स का उपयोग किया जा सकेगा.