भाजपा ने टॉप लीडर्स को उतार बनाई ‘टीम गेम’ की रणनीति

भोपाल

भाजपा ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची सोमवार को जारी कर दी। इसमें भी 39 सीटों के प्रत्याशियों के नाम हैं। इनमें तीन जीती और 36 हारी सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए। भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्री, चार सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को टिकट दिया है। दूसरी सूची में पार्टी ने चौंकाने वाले नाम शामिल कर सियासी हचलल मचा दी है। इस बार भाजपा के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी को भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। भाजपा की दूसरी सूची में 39 प्रत्याशियों में 14 जनरल, 11 ओबीसी, 10 एसटी और चार एससी वर्ग से है।

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना जिले की दिमनी से टिकट दिया है। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर से टिकट दिया है। यहां से पटेल के भाई जालम सिंह पटेल का टिकट काट दिया है। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से टिकट देकर उनकी चुनावी राजनीति में वापसी की है। यह सीट अभी कांग्रेस के कब्जे में है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को भाजपा ने टिकट दिया है। वे निवास सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा भाजपा ने छह सांसद को चुनाव मैदान में उतारा है। इसमें सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम सीट से टिकट दिया गया है। सांसद गणेश सिंह को भाजपा ने सतना, सीधी से विधायक केदार शुक्ला का टिकट काटकर सांसद रीती पाठक को प्रत्याशी बनाया है। नर्मदापुरम से सांसद उदय प्रताप सिंह को गाडरवाड़ा विधानसभा से टिकट दिया है।  

15 साल बाद फिर शहरी सीट पर विजयवर्गीय
राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद कैलाश विजयवर्गीय केंद्र की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी लेने लगे है,लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट देकर संगठन ने उन्हें फिर प्रदेश में सक्रिय रहने का मौका दिया है। एक नंबर विधानसभा क्षेत्र से विजयवर्गीय के उम्मीदवार बनाए जाने के बाद शहर के राजनीतिक समीकरण भी दिलचस्प हो गए है। उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है और इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार है, लेकिन पिता का टिकट तय होने के बाद उनकी दावेदारी पर संशय है,क्योकि संगठन परिवारवाद को बढ़ावा देने से बच सकता है। पिछली बार विजयवर्गीय ने चुनाव नहीं लड़ा था, इस कारण बेटे के  आकाश के टिकट की राह आसान हुई थी।

त्रिपाठी की बयानबाजी बनी टिकट कटने की वजह
भाजपा ने कार्यकर्ताओं से लेकर जनप्रतिनिधियों को दूसरी सूची से साफ संकेत दे दिया है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। इसलिए पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है। यहां से पार्टी ने श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दिया है। चतुर्वेदी कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे।

सिंधिया समर्थक का टिकट काटा
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी टिकट पाने में कामयाब हुए है। इसमें भाजपा ने डबरा से पूर्व विधायक इमरती देवी को प्रत्याशी बनाया है। मुरैना से पूर्व विधायक रघुराज कंसाना को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, भितरवार से मोहन सिंह राठौर को टिकट दिया है। करैरा विधानसभा सीट से जसमत सिंह जाटव को टिकट नहीं मिल पाया है। वह उपचुनाव में भाजपा की तरफ से चुनाव हार गए हैं। पार्टी ने करैरा से रमेश खटीक को प्रत्याशी बनाया है।

सीधी कांड से कटा केदारनाथ शुक्ला का टिकट
सीधी कांड से भाजपा सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। सीधी कांड राष्टÑीय मीडिया में सुर्खियों में रहा था। यही कारण है कि यहां से विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट कर सांसद रीति पाठक को उम्मीदवार बनाया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button