मालवा में गेहूं की बंपर पैदावार, निर्यात पर रोक गेहूं के भाव बढ़ने के आसार कम
धार .
मालवा क्षेत्र में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हुई है। यही वजह है कि इन दिनों गेहूं की आवक से मंडियां गुलजार हैं। यहां की मंडी में प्रतिदिन गेहूं की ही आवक करीब 15 हजार क्विंटल से अधिक है। अप्रैल के पहले पखवाड़े में अब तक सवा लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है। किसान बड़ी संख्या में गेहूं बेचने मंडी में आ रहे हैं। हालांकि कई बड़े काश्तकारों ने गेहूं के भाव और अधिक बढ़ने की उम्मीद में अब भी स्टाक कर रखा है।
तीस लाख क्विंटल गेहूं का उत्पादन बदनावर में
सूत्रों के अनुसार निर्यात नहीं खुलने की दशा में भाव इससे अधिक बढ़ने की संभावना नजर नहीं आ रही है। फिलहाल सरकार का ध्यान दालों के बढ़ते भाव को कम करने की ओर अधिक है, जिसने रसोई की थाली का बजट गड़बड़ा दिया है। बदनावर तहसील में कृषि विभाग के अनुसार करीब 70 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई थी। प्रति हेक्टेयर 42 क्विंटल उत्पादन होना बताया गया है। इससे करीब तीस लाख क्विंटल गेहूं का उत्पादन अकेले बदनावर क्षेत्र में ही हुआ है।
एक सप्ताह तक बंद रही मंडियां
हालांकि कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल तक उत्पादन हुआ है। यहां कृषि उपज मंडी में प्रतिदिन गेहूं के साथ सोयाबीन, चना, मसूर, लहसुन, प्याज आदि जिंसों की कुल आवक करीब 25 हजार क्विंटल से अधिक है, जिनमें गेहूं की औसत आवक 15 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। अप्रैल में पिछले एक पखवाड़े में अवकाश के कारण मंडियां करीब एक सप्ताह तक बंद रही है।
मंडी को मिला अच्छा टैक्स
गत चार अप्रैल को गेहूं की आवक 15 हजार, पांच व 10 अप्रैल को 16-16 हजार, 11 को 16 हजार 500, 12 को 16 हजार, 13 व 17 अप्रैल को 17-17 हजार क्विंटल की आवक हुई है। इस प्रकार गेहूं की कुल आवक एक लाख 13 हजार 500 क्विंटल हो गई है। जबकि सभी जिंसों को मिलाकर कुल आवक करीब एक लाख 72 हजार क्विंटल हो गई है। इससे मंडी को टैक्स में रूप में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हो रही है।
अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं की लेवाली बढ़ी
मालवा में गेहूं की बंपर पैदावार होने के कारण सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता और मौसम की मेहरबानी रही है। उच्च गुणवत्ता वाले मालवा के गेहूं की मांग बाजार में हो रही है। औसत तीन माह तक मंडियों में गेहूं की आवक होती है, किंतु इस वर्ष फरवरी के अंतिम दिनों में ही नए गेहूं की आवक शुरू हो गई थी। बाजार में भाव भी दो हजार से तीन हजार तक रहने के कारण किसान भी गेहूं बेचने के लिए उतारू है। इसलिए दो माह से तो भरपूर आवक हो रही है तथा मई तक इसी प्रकार रहने की संभावना है। वर्तमान में यहां से गेहूं गुजरात, राजस्थान एवं दक्षिणी प्रांतों में बिक्री के लिए भेजा जा रहा है। वहीं कुछ मिल वाले स्टाक भी कर रहे हैं। इस बार चुनावी साल है।
तुवर दाल के भाव
गेहूं के भाव नहीं बढ़े, इसलिए फिलहाल निर्यात भी खुलने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है। इसलिए सरकार समर्थन मूल्य पर भी गेहूं की खरीदी कर रही है। पिछले कुछ दिनों से दाल के दाम बढ़ रहे हैं, करीब एक पखवाड़े पूर्व थोक भाव में तुवर दाल के भाव 113 रुपये प्रति किलो थे, जो अब बढ़कर 126 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। सरकार चाह रही है कि इस चुनावी साल में आम जनता को कम से कम मूल्य पर दाल उपलब्ध करवाई जाए।