वक्फ संशोधन बिल पर केंद्र सरकार को मिला TDP का साथ, पक्ष में करेगी वोट

नईदिल्ली

एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी पार्टनर टीडीपी ने संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने का ऐलान किया है। चंद्राबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के लोकसभा में 16 सांसद हैं। पहले यह संभावना जताई जा रही थी तेलगूदेशम पार्टी वक्फ बिल पर न्यूट्रल पोजिशन बनाकर दूरी बनाए रख सकती है। वह न तो इसका समर्थन करेगी और न ही विरोध करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने बताया कि टीडीपी ने हमेशा मुसलमानों के हितों का ख्याल किया है और सीएम नायडू पहले ही कह चुके हैं कि हम मुसलमानों की हर हित की रक्षा करेंगे। अब टीडीपी के ऐलान के बाद बिल पास होने की उम्मीद बढ़ गई है। BJP ने राज्यसभा MPs को 3 अप्रैल को सदन में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया।

कौन-कौन दे रहा समर्थन

टीडीपी का कहना है कि वक्फ बोर्ड की 9 लाख एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। अगर इस संशोधन बिल के जरिये अगर उनकी जमीन से अवैध कब्जा वापस लेकर मुसलमानों के हित में इसका उपयोग किया जाता है, पार्टी इसका समर्थन भी करेगी। अभी एनडीए में शामिल जेडीयू और आरएलडी ने अपन रुख साफ नहीं किया है। संभावना जताई जा रही है कि जेडीयू इस बिल पर न्यूट्रल रहेगी। मंगलवार को जेडीयू के सांसद बिल पर चर्चा के लिए अमित शाह से मिले। बिहार की दूसरी पार्टी हिंदुस्तान आवामी मोर्चा ने बिल के समर्थन के संकेत दिए हैं। लोकसभा में बीजेपी के 240 सांसद हैं और टीडीपी के समर्थन के ऐलान से मोदी सरकार की राह आसान हो गई है।

कल 12 बजे पेश होगा बिल

वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ने इस बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि अगर सदन को लगता है कि चर्चा के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए, इसकी अवधि बढ़ सकती है। अगर पक्ष कोई बहाना बनाकर चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते हैं, तो मैं इसे रोक नहीं सकता। हम चर्चा चाहते हैं। हर राजनीतिक दल को अपनी राय रखने का अधिकार है और देश सुनना चाहता है कि संशोधन विधेयक पर किस राजनीतिक दल का क्या रुख है? संसद में रखी गई बातें हजारों सालों तक दर्ज रहेगी। रिकॉर्ड में यह दर्ज होगा कि किसने संशोधन विधेयक का विरोध और किसने समर्थन किया।

कल लोकसभा में विधेयक होगा पेश

वक्फ संशोधन विधेयक कल बुधवार को लोकसभा में विचार और पारित कराने के लिए लाया जाएगा. विपक्षी दल इस विधेयक का जमकर विरोध कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि विधेयक पर सदन में 8 घंटे की प्रस्तावित चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू जवाब देंगे और वह इस विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी लेंगे.

इस मामले में सूत्रों ने बताया कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई. पिछले साल विधेयक पेश करते समय केंद्र सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने का प्रस्ताव किया था.

फिर जेपीसी की ओर से रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को अपनी मंजूरी दे दी. लोकसभा में विधेयक पास किए जाने के बाद राज्यसभा को इसकी सूचना दी जाएगी. संसद का जारी बजट सत्र 4 अप्रैल को खत्म हो रहा है.

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