इजरायल-हमास जंग के बीच अमेरिका से टकराने को तैयार चीन, मध्य पूर्व की ओर भेजे 6 युद्धपोत

तेल अवीव
 इजरायल और हमास के युद्ध के कारण दुनिया के कई ताकतवर देशों की मिडिल ईस्ट में रुचि एक बार फिर बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्ध को देखते चीन ने छह युद्धपोत मिडिल ईस्ट में तैनात किए हैं। चीन की 44वीं नौसैनिक एस्कॉर्ट टास्क फोर्स क्षेत्र में नियमित अभियानों में शामिल रही है और पिछले हफ्ते ओमान यात्रा के दौरान कई दिन बिताए। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ईस्टर्न थिएटर की टास्क फोर्स ने ओमानी नौसेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लिया था। इसके बाद शनिवार को मस्कट से एक अज्ञात लोकेशन के लिए रवाना हुई।

चीन के छह युद्धपोतों में टाइप 052डी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट जिंगझोउ और एक आपूर्ति जहाज शामिल हैं। फिलहाल बढ़ते तनाव के कारण यह मध्यपूर्व में तैनात हैं। यात्रा के दौरान चीनी कमांडरों ने ओमानी अधिकारियों से मुलाकात की और सैन्य संस्थानों का दौरा किया। जबकि दोनों देशों के नाविकों ने एक दूसरे के जहाजों का दौरा किया। शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक इन्होंने मिलकर एक बास्केटबॉल गेम भी आयोजित किया।

क्या है चीन का रुख
हमास-इजरायल युद्ध को लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को कहा कि स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना और दो-राष्ट्र समाधान यानी टू स्टेट सॉल्यूशन ही एक मौलिक रास्ता है। चीनी मीडिया के मुताबिक शी जिनपिंग ने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता जल्द से जल्द युद्धविराम करना है, ताकि संघर्ष को बढ़ने और नियंत्रण से बाहर जाने से रोका जा सके। अगर स्थिति नियंत्रण से बाहर गई तो गंभीर मानवीय संकट पैदा हो सकता है।

अमेरिका को टक्कर देने की तैयारी
चीन की ओर से युद्धपोत तब तैनात किए गए हैं जब अमेरिका इजरायल को समर्थन देने के लिए अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर भेज चुका है। अमेरिका को डर है कि इस युद्ध में ईरान समर्थित आतंकी भी शामिल हो सकते हैं। खाड़ी में युद्ध और न बढ़े इस वजह से अमेरिका ताकत बढ़ा रहा है। कई ए-10 वॉर्थोग और F-15 ई लड़ाकू विमान पिछले सप्ताह कई एडवांस विमानों के साथ इस क्षेत्र में पहुंचे। इसके अलावा अमेरिका ने 2000 सैनिकों को 24 घंटे के अंदर कभी भी तैनात करने के लिए अलर्ट पर रखा है।

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