नेपाल के जमीन घोटाला के 238 आरोपितों से 9179 करोड़ रुपये वसूलने की सीआईबी ने कोर्ट में दी अर्जी
काठमांडू
नेपाल के चर्चित ललिता निवास जमीन घोटाले में केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) ने 238 आरोपितों से 9179 करोड़ रुपये वसूलने की अर्जी कोर्ट में दी है। करीब तीन महीने की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए सीआईबी ने यह मांग की है।
सीआईबी ने 700 पन्नों की चार्जशीट में कुल 286 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें 238 आरोपितों से यह रकम वसूलने की मांग की है। इस चार्जशीट में पूर्व उप प्रधानमंत्री, कई मंत्री, सरकार के पूर्व सचिव सहित कई व्यापारिक घरानों के लोग शामिल हैं। सीआईबी ने इस जमीन घोटाले में दो पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व मुख्य सचिव को सरकारी गवाह बनाया है।
अदालत में दाखिल किए गए चार्जशीट के मुताबिक सबसे अधिक जुर्माना जमीन घोटाले में बिचौलिया का काम करने वाले तीन व्यापारियों पर लगाया गया है। सीआईबी ने इस पूरे घोटाले में शोभाकान्त ढकाल, राम कुमार सुवेदी और मीन बहादुर गुरूंग को मुख्य योजनाकार बताते हुए सबसे अधिक करीब 1859 करोड़ रुपये वसूलने की मांग की है। इनमें ढकाल और सुबेदी से प्रति व्यक्ति 684 करोड़ रुपये जबकि गुरूंग से 491 करोड़ रुपये वसूलने की मांग की गई है।
इसी तरह पूर्व उप प्रधानमंत्री बिजय कुमार गच्छदार, पूर्व मंत्री डम्बर श्रेष्ठ और संजय साह से प्रति व्यक्ति 10.51 करोड़ रुपये वसूलने की मांग की गई है। पूर्व मंत्री चन्द्र देव जोशी पर 63.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की बात का चार्जशीट में उल्लेख है। जुर्माने के अलावा इन सभी मंत्रियों को 10 साल जेल की सजा देने की मांग भी की गई है।
सरकार के पूर्व सचिव नारायण गोपाल मलेगो, दीप बस्नेत और छविराज पन्त पर 10-10 करोड़ रुपये जुर्माने की मांग की गई है तो पूर्व सचिव दिनेश अधिकारी, रविन्द्र मान जोशी और युवराज भुषाल पर 1-1 करोड़ रुपये वसूलने की बात कही गई है। इनको 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाने की मांग भी की गई है।
इस प्रकरण में आरोपित 21 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। इन सबके परिवार से भी 1563 करोड़ रुपये वसूलने की मांग की गई है। सरकार एक वर्तमान सह सचिव भी आरोपित है। दांग जिले के प्रमुख जिलाधिकारी रहे सुशील वैद्य को फरार की सूची में रखते हुए उनसे 1 करोड़ रुपये जुर्माना वसूलने की बात चार्जशीट में है।
इनके अलावा देश के कुछ जाने-माने व्यापारिक घराने के मालिकों पर भी जुर्माना लगाने की मांग की गई है। इनमें उमा ढक्लानी पर 292 करोड़ रुपये, हाट शमशेर जबरा पर 289 करोड़ रुपये, माधवी सुवेदी पर 288 करोड़ रुपये, श्रवण गोयल, कैलाश चन्द गोयल, शिवरत्न सारडा और संदीप सारडा पर प्रति व्यक्ति 224 करोड़ रुपये वसूलने की मांग की गई है।
बाकी आरोपितों से 100 करोड़ या या उससे कम की रकम वसूलने की मांग चार्जशीट में है। काठमांडू जिला अदालत में इस मामले की सुनवाई जल्द होने की बात जिला सरकारी वकील ने बताई है। 700 पन्ने की चार्जशीट को पढ़ने में न्यायाधीशों को समय लगने के कारण सुनवाई शुरू नहीं हो पाई है।