ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के बादल मंडरा रहे, दोनों ही तरफ से तैयारी पूरी है
तेलअवीव/तेहरान
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि ईरान अपनी मिसाइलों और विस्फोटक से लैस ड्रोन को हमले के लिए तैयार कर रहा है। वहीं ईरानी खतरे को देखते हुए अमेरिका ने अपने युद्धपोतों को भी खाड़ी देशों में अलर्ट कर दिया है। इस बीच इजरायल ने भी पूरे देश में अलर्ट जारी किया है। इस युद्ध के खतरे को देखते हुए भारत ने भी ईरान और इजरायल में रह रहे या काम कर रहे अपने नागरिकों को अलर्ट किया है और इन दोनों ही देशों में नहीं जाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। विश्लेषकों का कहना है कि इजरायल में करीब 18 हजार और ईरान में 4 भारतीय रहते हैं और अगर युद्ध शुरू होता है तो इनको निकालना बहुत बड़ी चुनौती होगा।
हाल ही में इजरायल में हजारों की तादाद में भारतीय जाने की तैयारी कर रहे हैं। इजरायल करीब 1 लाख भारतीय कामगार चाहता है ताकि फलस्तीनी लोगों की जगह भरी जा सके। इसके लिए भारत और इजरायल की सरकार ने हजारों की तादाद में भारतीयों की भर्ती की है। ऐसे में भारत की ओर से इजरायल नहीं जाने की यह एडवाइजरी जारी किया जाना इन भारतीयों के लिए बड़ा झटका है। इजरायल और ईरान के बीच गाजा युद्ध को लेकर तनाव पहले से ही भड़का हुआ है लेकिन सीरिया में ईरानी महावाणिज्य दूतावास में सैन्य कमांडर की हत्या के बाद यह चरम पर पहुंच गया है।
इजरायल पहुंचने वाले हैं हजारों भारतीय
इजरायल में करीब 18 हजार भारतीय रहते हैं जो बुजुर्गों की सेवा, सूचना तकनीक और सलाह से जुड़े काम में लगे हुए हैं। इजरायल अभी और भारतीयों की ओर उम्मीद से देख रहा है। वहीं ईरान की बात करें तो वहां भी करीब 4 हजार भारतीय रहते हैं। इसमें व्यापारी और पढ़ाई करने वाले शामिल हैं। भारत की इस एडवाइजरी को इस तनाव में उसकी अपनी राजनयिक स्थिति को दर्शाता है। भारत यह भी चाहता है कि तनाव को भड़कने से रोका जा सके। इस एडवाइजरी के अलावा भारतीय अधिकारी भारत के नागरिकों को वहां से निकालने की संभावित योजना पर भी काम कर रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि भारत का यह प्रोएक्टिव रवैया यह दर्शाता है कि नई दिल्ली की सरकार संकट में अपने नागरिकों के साथ खड़ी है। इस एडवाइजरी के बाद अब जो भारतीय इजरायल में काम के लिए जाने वाले थे, उन्हें अब तब तक इंतजार करना होगा जब तब कि हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं। इससे पहले 2 अप्रैल को 64 भारतीयों का पहला दल इजरायल पहुंचा था। इसके अलावा 6 हजार अन्य भारतीय कामगार इसी महीने के आखिर और मई महीने के शुरू में इजरायल जाने वाले हैं। इजरायल ने इन भारतीयों को लाने के लिए विशेष एयर शटल सेवा शुरू करना चाहता है।