आयोग ने पारदर्शिता के लिए बनाई ये रणनीति

विदिशा

 चुनाव आयोग इस बार चुनाव की पारदर्शिता एवं पवित्रता को लेकर काफी गंभीर है। इसी का परिणाम है कि पहली बार चुनाव में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को यह बताना होगा कि उनका कोई रिश्तेदार तो चुनाव नहीं लड़ रहा। इसके अलावा उन्हें आपराधिक प्रकरणों की भी जानकारी देना होगी।

 

चुनाव आयोग के नए निर्देशों के अनुसार चुनाव ड्यूटी में लगाए गए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक निर्धारित प्रपत्र के जरिए घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें नाम, पदस्थापना, पदस्थापना की दिनांक तथा इस आशय का प्रमाण-पत्र कि मैं वर्तमान चुनाव में किसी प्रत्याशी, राज्य अथवा जिला स्तर के बड़े नेता का नजदीकी रिश्तेदार नहीं हूं।

इसके अलावा इसी प्रपत्र में यह भी बताना होगा कि उनके विरुद्ध कोई भी आपराधिक प्रकरण किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। यदि किसी के खिलाफ प्रकरण है तो उसे प्रकरण की पूरी जानकारी देना होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि चुनाव में लगे अमले से दो दिन के भीतर यह प्रपत्र जमा कराने को कहा गया है। सभी प्रपत्र एकत्रित कर चुनाव आयोग को भेजे जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यदि कोई कर्मचारी किसी प्रमुख दल के प्रत्याशी का रिश्तेदार पाया जाता है तो उसे चुनाव आयोग मतदान प्रक्रिया से अलग कर सकता है।

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