आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत सी-विजिल एप पर, 100 मिनट में होगी कार्रवाई

भोपाल
 मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 17 नवंबर को किया जाना है और परिणाम तीन दिसंबर को घोषित होंगे। तब तक के लिए निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। इसके साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने धारा 144 लागू करते हुए इसका सख्ती से पालन करने के लिए आमजन और ख़ासतौर पर राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों से आह्वान किया है। उन्होंने आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत करने के लिए जागरूक नागरिकों से सी-विजिल एप का उपयोग करने की अपील की है। इस एप को कोई भी अपने मोबाइल में डाउनलोड कर घटनास्थल के 20 मीटर के अंदर की फोटो पांच मिनट में अपलोड कर शिकायत कर सकता है। इसके तुरंत बाद ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो महज 100 मिनट में पूरी कर ली जाएगी।

सी-विजिल एप का उपयोग करने के लिए किसी भी नागरिक को सबसे पहले अपने एंड्रायड मोबाइल के प्ले स्टोर या एप्पल मोबाइल के एप स्टोर पर जाकर डाउनलोड करना होगा। कोई भी नागरिक घटनास्थल से 20 मीटर के अंदर से ली गई फोटो अपलोड कर सकता है। 5 मिनट के अंदर किसी भी नागरिक को सी-विजिल एप पर फोटो अपलोड कर सकता है। निर्वाचन आयोग जानकारी मिलते ही उस पर त्वरित कार्रवाई शुरू कर देगा।

आचार संहिता के लागू होते ही सक्रिय हो गया एप

जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि निर्वाचन संबंधी शिकायतों को दर्ज कर उन पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए ही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी-विजिल (cVIGIL) मोबाइल एप को तैयार कराया गया है। इस एप के माध्यम से कोई भी नागरिक निर्वाचन में आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन संबंधी किसी भी घटना का फोटो-वीडियो तैयार कर अपनी शिकायत भेज सकता है। प्राप्त शिकायत की त्वरित जांच कर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। आचार संहिता के लागू होते ही यह एप सक्रिय हो गया है।

इस तरह कार्य करता है एप

सी-विजिल एप के माध्यम से शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत सर्वप्रथम जिला शिकायत कंट्रोलर (डीसीसी) के पास जाएगी। इसके बाद जिला शिकायत कंट्रोलर द्वारा यह शिकायत प्रारंभिक जांच उपरांत सही होने पर एफएसटी (फ्लांइग स्क्वाड टीम) के पास भेजी जाएगी। जांच टीम द्वारा शिकायत की जांच कर कार्रवाई करने के उपरांत यथा-स्थिति का प्रतिवेदन निराकरण अधिकारी को भेजा जाएगा। रिटर्निंग अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन के आधार पर आवश्यक दिशा-निर्देश का प्रतिवेदन संबंधित जांच टीम एफएसटी एवं जिला शिकायत कंट्रोलर को प्राप्त होगा।

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