कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर, यात्रा के दौरान फिसली जुबान, कहा- स्टोव पर कोयला

नई दिल्ली 
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पर निकले हुए हैं। यात्रा इस समय असम में है। इसी बीच राहुल गांधी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कांग्रेस नेता जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनकी जुबान फिसल जाती है। राहुल कहते हैं- सुबह उठते हो, चाय गर्म करने के लिए स्टोव में कोयला डालते हो, उसको जलाते हो। वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने भी इस मौके को लपकने में देर नहीं लगाई। असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने इस वीडियो पर चुटकी लेते हुए कहा- स्टोव पर कोयला, आप होश में तो हो?

हमे असमंजस में डाल दिया
मुख्यमंत्री शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर राहुल गांधी का वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, ''स्टोव पर कोयला? आपके आलू से सोना बनाने वाली बात से हम उबर ही रहे थे की आपने स्टोव में कोयला डालकर हमे असमंजस में डाल दिया। आप होश में तो हो?'' राहुल गांधी के इस वीडियो को बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी शेयर किया है। अमित मालवीय ने कहा, 'आलू से सोना की अपार सफलता के बाद स्टोव में कोयला…वाह राहुल जी, वाह!' वहीं, पूनावाला ने कहा, 'आलू से सोना के बाद, अब स्टोव में कोयला, जय हो राहुल बाबा।

यह असम के स्वाभिमान का प्रतीक है
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान राज्य की संस्कृति और पहचान के प्रतीक 'गमोचा' (असमी गमछा) से संबंधित टिप्पणी समेत कुछ अन्य बयानों के लिये कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। शर्मा ने कहा, “राहुल बाबा, असम का गामोचा सिर्फ शरीर पोछने के लिए नहीं है। यह असम के स्वाभिमान का प्रतीक हैं। गामोचा कई प्रकार के होते है। असम के सबसे बड़े उत्सव बिहु में गामोचा बिहुआन के तौर पर, अतिथि के सम्मान के लिए, भगवान के आसन के लिये और उत्सव एवं अन्य समारोह पर पहनने के लिए प्रयोग किया जाता हैं।''

राहुल गांधी ने लगाए आरोप 
राहुल ने अपने गले में लपेटा हुआ 'गमोचा' दिखाते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सरकार राज्य के गौरव का अपमान कर रही है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि गमोचा का अर्थ तौलिया है जिसमें 'ग' का मतलब शरीर और 'मोचा' का अर्थ पोंछना है। उन्होंने कहा,''भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) असम की भाषा, संस्कृति और इतिहास को मिटाना चाहती है। हम असम से भाजपा के अन्याय को मिटाने के लिए यहां आए हैं।''

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