साइबर अपराधी आटो चालक-डिलीवरी ब्‍वाॅय का काम करने वाले युवाओं का इस्तेमाल कर रहे

इंदौर
साइबर अपराधी आटो चालक-डिलीवरी ब्‍वाॅय का काम करने वाले युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। राजेंद्रनगर पुलिस ने सिंडिकेट से जुड़े तीन आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोपितों ने पांच हजार रुपये का लालच देकर खाते खुलवाए और लाखों रुपये जमा करवा लिए।
 
यह है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक ऋषि विहार नगर निवासी आटो चालक अजय अहिरवार,रामेश्वर मेहता(डिलीवरी ब्याय) निवासी कैट रोड़ और सुनील मिनावा(कर्मचारी) निवासी आनंद फार्म की शिकायत पर शशांक गीते उर्फ लड्डू निवासी विदूरनगर,तुषार राजपूत निवासी खातेगांव और गौरव उर्फ रुद्र मालवीय निवासी खातेगांव देवास के खिलाफ केस दर्ज किया है।
अजय ने पुलिस को बताया कि वह कैट रोड़ से ऑटो रिक्शा चलाता है। उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और परिचित गोलू उसकी स्थिति समझता था। उसने विदूरनगर निवासी शशांक से मुलाकात करवा दी।

शशांक ने कहा कि बैंक में करंट खाता खुलवाना है और उसकी पासबुक,एटीएम व सिमकार्ड देना है। आरोपित ने 18 फरवरी को राजवाड़ा स्थित यूको बैंक में खाता खुलवा दिया।
रामेश्वर और सुनील का इंडियन बैंक में खाता खुलवाया। सिमकार्ड,पासबुक लेने के बाद एक हजार रुपए दे दिए। कुछ दिनों पूर्व ई-मेल के माध्यम से पता चला उसके खाते में लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है।
अजय ने गोलू को काल कर ट्रांजेक्शन के बारे में बताया तो कहा उसके खाते में भी लाखों रुपये आते हैं।
टीआई नीरज बिरथरे के मुताबिक पुलिस ने सोमवार रात तीनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। खातों में साइबर अपराधियों द्वारा रुपये जमा करवाए गए हैं।

साइबर ठगी के लिए खाते देता है शुभम नामदेव
शुभम नामदेव का सामने आया है। शुभम ने कईं लोगों के खाते खुलवा कर ऑनलाइन गेमिंग,साइबर ठगी करने वाले गिरोह में सप्लाई किए हैं।
करंट खाते खुलवाने के लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए हैं।
उज्जैन पुलिस ने पिछले दिनों एक गिरोह को पकड़ा था।
शुभम उस गिरोह के लिए भी काम करता है।
क्राइम ब्रांच को शिकायत हुई लेकिन सतही जांच कर मामला दबा दिया।
फर्जी खातों की बात सामने आने के बाद शुभम का दोबारा नाम उछला है।

 

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