मनोज बाजपेयी की फिल्म पर रोक लगाने की मांग
मुंबई
मनोज बाजपेयी की फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है का ट्रेलर रिलीज किया गया और मंगलवार को फिल्म के निमार्ताओं को कानूनी नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस संत श्री आसाराम जी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से भेजा गया है, जिसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड से फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की गयी है।
अपूर्व सिंह कार्की निर्देशित सिर्फ एक बंदा काफी है में मनोज बाजपेयी, पीसी सोलंकी के किरदार में हैं, जिन्होंने एक नाबालिग लड़की को इंसाफ दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि एक आध्यात्मिक गुरु पर बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप लगता है। और POCSO कानून के तहत उनकी गिरफ्तारी होती है। वकील बने मनोज अदालत में बच्ची के लिए लड़ते हैं और इस प्रक्रिया में उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ता है। यह फिल्म 23 मई को जी5 पर स्ट्रीमिंग के लिए तैयार है। अधिवक्ता सत्य प्रकाश शर्मा की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि उनके लिए (आसाराम) रावण और दुष्कर्मी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो उनके धार्मिक चरित्र का अपमान है।
फिल्म की रिलीज से मेरे क्लाइंट की देश और विदेश में छवि धूमिल होगी, जिससे फॉलोअर्स और समर्थक नाराज हो सकते हैं और कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है। नोटिस में कहा गया है कि राजस्थान हाई कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील लम्बित है और फिल्म से मेरे क्लाइंट की निजता पर असर पड़ सकता है। बता दें, आसाराम बापू दुष्कर्म के मामले में जोधपुर जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। सह निमार्ता आसिफ शेख ने नोटिस की पुष्टि करते हुए कहा कि हमारी लीगल टीम इसका जवाब देगी। हमने एडवोकेट पीसी सोलंकी की बायोपिक के राइट्स हासिल किये हैं। यह उन्हीं की बायोपिक फिल्म है। नोटिस की कॉपी निमार्ता विनोद भानुशाली, मनोज बाजपेयी, जी स्टूडियोज, निर्देशक अपूर्व सिंह कार्की को भी भेजी गयी है।