एयरलाइंस को DGCA की दो टूक- हवाई सफर में अब बच्चे को दें माता-पिता के पास वाली सीट
नई दिल्ली
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी एयरलाइंस के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए. एविएशन रेग्युलेटर की ओर से कहा गया है कि अब से 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हवाई सफर के दौरान उनके माता-पिता के पास वाली सीट देनी होगी. डीजीसीए ने मंगलवार को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर सभी एयरलाइस से दो टूक शब्दों में ये रूल अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए कहा है.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला
DGCA की ओर से ये बड़ा फैसला हवाई सफर के दौरान बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर लिया गया है. अपने सर्कुलर में रेग्युलेटर ने कहा कि अब से सभी एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि 12 साल तक की उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता/अभिभावकों में से कम से कम एक के साथ वाली सीटें आवंटित की जानी चाहिए, जो कि एक ही पीएनआर (PNR) पर यात्रा कर रहे हों. इसके साथ ही इसका पूरा रिकॉर्ड भी रखा जाएगा.
नहीं देना होगा कोई एक्स्ट्रा चार्ज
विमानन नियामक ने ये कदम उस शिकायत के बाद उठाया है, जिसमें कहा गया था कि एक बच्चे को उसके माता-पिता के साथ बैठने नहीं दिया गया. अब डीजीसीए द्वारा जारी 2024 का एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर (एटीसी)-01 के मुताबिक, 12 साल से कम उम्र के बच्चे को उसके अभिवावकों के पास वाली सीट उपलब्ध हो सकेगी और खास बात ये है कि इसके लिए यात्री को कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा.
DGCA के मुताबिक, एयरलाइंस बच्चे की सीट के लिए अभिभावक पर दबाव नहीं डाल सकती हैं. अगर अभिभावक ने अपने लिए फ्री सीट या ऑटो एलोकेशन का ऑप्शन चुना है तो बगल की सीट बच्चे के लिए अरेंज करना होगा.
इन सुविधाओं के लिए वसूल सकती हैं चार्ज
बच्चों को अपने परिजनों के पास की सीट उपलब्ध कराने के आदेश के साथ ही DGCA की ओर से एयरलाइंस को जीरो बैगेज, पसंदीदा सीट शेयरिंग, मील, ड्रिंक और संगीत वाद्ययंत्र ले जाने की अनुमति दे दी है. डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि ये सुविधाएं ऑप्ट इन हैं यानी ये अनिवार्य नहीं हैं. इसमें ऑटो सीट की सुविधा भी शामिल की गई है, जिसमें एयरलाइन अपने आप ही सीट दे देती है और ऐसे यात्री जिन्होंने वेब चेक इन के दौरान सीट नहीं ली होगी, उन्हें ऑटोमेटिक सीट आवंटित कर दी जाएगी.