घरेलू इस्पात व सीमेंट उद्योग को शुद्ध शून्य लक्ष्य हासिल करने के लिए 47 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता : रिपोर्ट

नई दिल्ली
 घरेलू इस्पात और सीमेंट उद्योग को शुद्ध शून्य लक्ष्य हासिल करने के लिए 47 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। भारत दुनिया में इस्पात और सीमेंट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। ये दोनों ही उत्सर्जन-गहन उद्योग हैं जिन्हें कम करना मुश्किल है।

ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भारत के मौजूदा इस्पात और सीमेंट संयंत्रों को शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए अतिरिक्त पूंजीगत व्यय में 47 लाख करोड़ रुपये (627 अरब अमेरिकी डॉलर) की आवश्यकता होगी।''

रिपोर्ट में कहा गया कि इन दोनों क्षेत्रों को शुद्ध-शून्य का लक्ष्य हासिल करने के लिए अतिरिक्त परिचालन व्यय में हर साल एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

सीईईडब्ल्यू के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणाभ घोष ने कहा, ‘‘भारत के इस्पात और सीमेंट उद्योगों को डीकार्बोनाइजिंग करने से न केवल इसकी जलवायु महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि तेजी से स्थिरता-संचालित नियमों वाली दुनिया में इनके बाजार भविष्य के लिए तैयार होंगे।''

 

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