पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़ रहे अत्याचार के चलते कई हिन्दू परिवार भारत आकर शरण लेने को मजबूर

बाड़मेर
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़ रहे अत्याचार के चलते कई हिन्दू परिवार भारत आकर शरण लेने को मजबूर हैं। ऐसे ही विस्थापित हुए 4 लोगों को बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने भारतीय नागरिकता दिलाई। भारतीय नागरिक बनने वाले 4 लोगों के नाम गुड्डी बाई, लक्ष्मी बाई, जेतमाल सिंह और सवाई सिंह है। जानिए पूरी डिटेल।

अब ये चारो लोग भारतीय नागरिक की तरह रहेंगे और देश के आम नागरिकों को मिलने वाली हर सुविधा के हकदार होंगे। आपको बताते चलें कि बाड़मेर जिले पाकिस्तानी अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग रह रहे हैं। यहां नागरिकता के आवेदनों और निस्तारण के लिए भारत की नागरिकता देने वाला शिविर आयोजित किया गया था। इसी दौरान बाड़मेर की कलेक्टर टीना डाबी ने उन्हें भारत की नागरिकता वाला प्रमाणपत्र सौंपा था।

आपको बता दें कि गुड्डी, लक्ष्मी बाई, जेतराम और सवाई सिंह चारो लोग लंबे समय से बाड़मेर में रह रहे हैं। भारतीय नागरिकता पाकर अब वे खुश हैं कि उन्हें भारत में रहने का मौका मिल गया है। आपको बता दें कि नागरिकता देने का काम पहले भी होता आया है। सीएए का कानून आने के बाद भी इसमें तेजी आई है। सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने की बात कही गई है।

नागरिकता प्राप्ति के बाद सभी चार बेहद खुश नजर आए। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए भावुक होकर कहा कि अब वे पूरी तरह से भारतीय समाज का हिस्सा बन चुके हैं। एक जिम्मेदार नागरिक की तरह देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। नागरिकता के बाद इन लोगों को नई पहचान मिलेगी। इसके साथ ही अब ये लोग शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी सुविधाओं को पहले की तुलना में और आसानी से एवं बेहतर तरीके से प्राप्त कर सकेंगे।

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