एफआईआई की बिकवाली लार्ज-कैप तक सीमित, व्यापक बाजार पर कोई दबाव नहीं

एफआईआई की बिकवाली लार्ज-कैप तक सीमित, व्यापक बाजार पर कोई दबाव नहीं

नई दिल्ली
 एफआईआई और डीआईआई के बीच रस्साकशी जारी है। एफआईआई जहां निरंतर बिकवाली कर रहा है, वहीं डीआईआई खरीददारी कर रहा है। ये कहना है कि जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का। चूंकि गिरावट पर खरीददारी की रणनीति काम कर रही है, खुदरा निवेशक हर गिरावट पर व्यापक बाजार में खरीददारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापक बाजार में बिकवाली का कोई दबाव नहीं है क्योंकि एफआईआई की बिकवाली लार्ज-कैप तक ही सीमित है। उन्होंने कहा, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सबसे अच्छा अवसर उच्च गुणवत्ता वाले लार्ज-कैप में है क्योंकि जब एफआईआई खरीददार बनेंगे तो ये स्टॉक अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

इक्विटी बाजारों में अभी तीन महत्वपूर्ण रुझान हैं : पहला, वैश्विक बाजार स्थिर है। दूसरा, बाजारों में जोखिम स्पष्ट है जो मुख्य रूप से यूएस 10-वर्षीय बांड रिटर्न के 5 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से अब 4.57 प्रतिशत हो गया है। तीसरा, ब्रेंट क्रूड लगभग 94 डॉलर से गिरकर 82 डॉलर से नीचे आ गया है। साथ ही बाजार को लगता है कि इजरायल-गाजा संघर्ष के व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में बढ़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद बाजार की संरचना रैली जारी रखने के लिए अनुकूल है।  बीएसई सेंसेक्स 20 अंक गिरकर 64,922 अंक पर है। एशियन पेंट्स में 1 फीसदी की तेजी है।

आरबीआई ने आईटी गवर्नेंस और साइबर सिक्योरिटी को लेकर बैंकों, एनबीएफसी को जारी किए दिशानिर्देश

RBI ने साइबर सिक्योरिटी को लेकर बैंकों, एनबीएफसी को जारी किए दिशानिर्देश

मुंबई
 आरबीआई ने आईटी गवर्नेंस, जोखिम, नियंत्रण पर बैंकों और एनबीएफसी को एक नया व्यापक मास्टर दिशानिर्देश जारी किया है। यह दिशानिर्देश डायरेक्टरों के लिए है जिनको ग्राहकों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना है। ये निर्देश आईटी गवर्नेंस पर पहले जारी किए गए दिशानिर्देशों और परिपत्रों को शामिल करते हैं और 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगे।

दिशानिर्देशों में सभी विनियमित संस्थाओं को इन सभी चीजों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है, ‘साइबर इवेंट्स’ को सूचना प्रणाली में किसी घटना के रूप में परिभाषित किया गया है। साइबर इवेंट्स कभी-कभी संकेत देती हैं कि घटना घटित होने वाली है। साइबर सिक्योरिटी’–साइबर माध्यम से गोपनीयता और सूचना की उपलब्धता का संरक्षण। इसके अलावा, प्रामाणिकता, जवाबदेही, गैर-अस्वीकरण और विश्वसनीयता भी शामिल हो सकते हैं।

‘साइबर इंसीटेंड’ – यह ऐसी साइबर इवेंट है जो साइबर सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, चाहे वह दुर्भावनापूर्ण गतिविधि से उत्पन्न हुई हो या नहीं।

‘साइबर-अटैक’ – संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, बाधित करने या अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने के लिए साइबर माध्यम से कमजोरियों का फायदा उठाने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास।

‘डी-मिलिटराइज्ड जोन’ या ‘डीएमजेड’ एक नेटवर्क खंड है जो आंतरिक और बाहरी नेटवर्क के बीच है।

‘सूचना असेट’ – कोई भी डेटा, उपकरण या जो सूचना-संबंधी गतिविधियों का समर्थन करता है। सूचना संपत्तियों में सूचना प्रणाली, डेटा, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर शामिल हैं।

भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों को भी दिशानिर्देशों का पालन करने और किसी विशेष मानदंड के मामले में छूट लेने की स्थिति में आरबीआई के साथ चर्चा करने के लिए कहा गया है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button