इंदौर में देश में पहली बार बनी कब्रों की मंजिल, ऐसे दफन होंगे शव
इंदौर
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के क्रिश्चियन समाज ने एक बड़ी पहल की है.यहां के क्रिश्चियन समाज ने देश में पहली बार बहुमंजिला कब्र या परतों में कब्र (लेयर्ड ग्रेव) बनाई है. इंदौर डायोसिस के बिशप टी जे चाको के मुताबिक जगह की बढ़ती समस्या को देखते हुए यह पहली की गई है. इस नई व्यवस्था में मिट्टी से विदाई देने की जगह फूलों से विदाई देने का विकल्प अपनाया गया है.
क्या है नई व्यवस्था
इंदौर के कंचनबाग स्थित क्रिश्चियन समाज के कब्रिस्तान में ऐसी 64 कब्र बनाई गई हैं, जो 15 फीट गहरी, साढ़े चार फीट चौड़ी और साढ़े छह फीट लंबी हैं. इनमें कुल पांच लेयर हैं. इसमें सबसे नीचे जगह खाली छोड़ी गई है. उसके ऊपर एक के बाद एक चार शव दफनाए जा सकेंगे.
इन ताबूतों के बीच के गैप को फर्श से भरा जाएगा. इतना ही नहीं 10-12 साल बाद जब सभी चार कब्र भर जाएंगी, तो ताबूत में रखे अवशेष को सबसे नीचे खाली छोड़े गए जगह में भरा जाएगा. इसके ऊपर की परतों में दोबारा शव दफनाए जा सकेंगे. इस बहुमंजिला कब्र के ऊपर सभी चार शवों के नाम की जगह छोड़ी गई है. जब वह भर जाएगी तो उन पत्थरों से वहीं एक मेमोरी वॉल बना दी जाएगी.
क्या कहना है जिम्मेदार लोंगों का
इंदौर डायोसिस के बिशप टी जे चाको ने बताया कि जगह की बढ़ती समस्या और समाज से सलाह लेने के बाद यह प्रयोग किया गया है. समाज के लोगों का कहना है कि पहले शव को दफनाते वक्त उसमें लोग मिट्टी डालते थे. इससे एक तरह का भावनात्मक जुड़ाव होता था. इस नए तरीके में अब विदाई फूलों से दी जा सकेगी. आधुनिक परिस्थितियों को देखते हुए इसमें कुछ भी विरोधाभास नहीं है.