भाजपा के लिए ग्वालियर-चंबल सबसे बड़ी चुनौती

भोपाल

प्रदेश भाजपा की वृहद कार्यसमिति की बैठक के लिए ग्वालियर का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि यहां बैठक करके पार्टी पिछले चुनाव में हुई चूक को दुरुस्त करने का मैैसेज देना चाहती है। 2018 के चुनाव में भाजपा को सबसे कम सीटें ग्वालियर चंबल अंचल से ही मिली थीं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया और उनके समर्थकों के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद हुए उपचुनाव में इसकी भरपाई हो सकी थी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के पार्टी में आने के बाद कार्यकर्ताओं और जनता के बीच बदले समीकरणों के तहत अब इस चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल में पार्टी की मजबूती और एकजुटता का अहसास भी कराने के मद्देनजर यहां कार्यसमिति की बैठक हो रही है। इस परिस्थिति में ग्वालियर चंबल अंचल भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बैटल ग्राउंड में तब्दील हो गया है। केंद्रीय मंत्री शाह ग्वालियर में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद एक होटल में ग्वालियर संभाग के चुनिंदा कार्यकर्ताओं की बैठक भी लेंगे। इंदौर संभाग के कार्यकर्ताओं की तर्ज पर ली जा रही इस बैठक में शाह संभागीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इंदौर में दिए गए 15 सूत्रीय कार्यक्रम पर अमल के आगे का प्लान बताएंगे।

रिपोर्ट कार्ड पर भी चर्चा
केंद्रीय मंत्री शाह कार्यसमिति के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। इस दौरान सभी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि भोपाल में जारी किए गए रिपोर्ट कार्ड को गांव-गांव, शहरों के वार्ड-वार्ड लोगों के घरों तक पहुंचाना है। भाजपा सरकार ने विकास, गरीब कल्याण, जनकल्याण के मामले में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 

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