मलेरिया से बचाव के लिये मलेरिया ऑफ 200 का क्रियान्वयन

आयुष विभाग द्वारा चलाया जा रहा है कार्यक्रम

भोपाल

प्रदेश में मलेरिया से बचाव के लिये आयुष विभाग द्वारा होम्योपेथी रोग प्रतिरोधक दवा मलेरिया ऑफ 200 कावितरण किया जा रहा है। यह कार्यक्रम वर्ष 2016 से चलाया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में मलेरिया रोग की रोकथाम के लिये विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग भी सहभागी है।

इस वर्ष जुलाई माह की 14, 21 और 28 तारीख को होम्योपेथी की 3 खुराक का वितरण प्रदेश के सभी जिलों में किया गया। प्रारंभ में उन जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया जहां मलेरिया रोग का प्रकोप ज्यादा रहता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध करने पर यह बात सामने आई की मलेरिया ऑफ 200 के क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश को मलेरिया मुक्त किया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में होम्योपेथी की मलेरिया ऑफ 200 की दवा का वितरण किया गया है वहां मलेरिया एनुअल परजीवी इंडेक्स 65 से 80 प्रतिशत तक कम हुआ है।

होम्योपेथी की दवाएँ नि:शुल्क उपलब्ध

होम्योपेथी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. बबीता श्रीवास्तव ने बताया कि कोलार-नेहरू नगर बायपास रोड स्थित आयुष परिसर में होम्योपेथी चिकित्सालय में सभी प्रकार के संक्रामक रोगों और मौसमी बीमारियों के बचाव के लिये दवाएँ जन-सामान्य के लिये नि:शुल्क उपलब्ध है। कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि मलेरिया प्रतिरोध की दवाएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। दवा का वितरण स्वास्थ्य विभाग की आशा और अन्य मैदानी अमले से व्यापक क्षेत्र में किया जा रहा है।।

बालाघाट में एंबेड परियोजना

बालाघाट जिले में मलेरिया की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एम्बेड परियोजना के जरिये जनजातीय क्षेत्रों में मलेरिया के रोकथाम के लिये नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। मच्छरों की रोकथाम के लिये गड्डों और नाली में फिनाइल का छिड़काव किया जा रहा है। जिले में करीब 200 युवा परियोजना के साथ जुड़कर मच्छर निरोधी दस्ते के रूप्में कार्य कर रहे हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button