भारत ने अमेरिका के USCIRF की रिपोर्ट को सख्ती से किया खारिज

नई दिल्ली

भारत ने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की रिपोर्ट को सख्ती से खारिज करते हुए कहा कि इस आयोग को खुद 'चिंता का विषय' घोषित किया जाना चाहिए. रिपोर्ट में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) पर हत्या की साजिशों में कथित भूमिका को लेकर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई थी.

विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़े शब्दों में बयान जारी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की छवि को कमजोर करने के प्रयास सफल नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि USCIRF की नवीनतम रिपोर्ट 'पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित आकलन' जारी करने के अपने पैटर्न को जारी करने वाली है.

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि USCIRF द्वारा अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और भारत की वाइब्रेंट मल्टीकल्चरल सोसायटी पर संदेह व्यक्त करने के लगातार प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वास्तविक चिंता की बजाय एक जानबूझकर किए गए एजेंडे को दर्शाते हैं. बयान में कहा गया है कि वास्तव में तो USCIRF को ही 'चिंता का विषय' माना जाना चाहिए.

धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में क्या कहा गया

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 2024 में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव में वृद्धि जारी थी. रिपोर्ट में भाजपा पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ 'घृणास्पद बयानबाजी' का प्रचार करने का भी आरोप लगाया गया है.

भारतीय खुफिया एजेंसी पर लगे आरोप
साल 2023 से भारत पर अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकियों को निशाना बनाने के आरोप लग रहे हैं. जो बाइडन की सरकार में अमेरिका ने एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी विकास यादव पर अमेरिका में हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. भारत इन आरोपों को खारिज करता है और खालिस्तान समर्थकों को सुरक्षा के लिए खतरा बताता है.

क्या की गई सिफारिशें?

    रिपोर्ट में कई प्रतिबंधों की सिफारिश की गई है. इसमें कहा गया कि धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में संलिप्त लोगों जैसे विकास यादव और संस्थाओं जैसे रॉ पर प्रतिबंध लगाया जाए. उनकी संपत्तियां जब्त करें और अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएं.

    रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को सार्वजनिक बयानों और भाषणों में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें.

    इसने अमेरिकी कांग्रेस से विदेशों में भारत की ओर से धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर वार्षिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को कहा है. इसके अलावा इस बात की समीक्षा करनी चाहिए कि क्या भारत को हथियारों की बिक्री जैसे MQ-9B ड्रोन धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन में योगदान देती है या उसे बढ़ा सकती है.

 

 

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