भारत की GDP@7.2: रफ्तार तूफानी, उधर पड़ोसी पाकिस्तान मांग रहा पानी

नईदिल्ली

 भारत और पाकिस्तान दोनों साथ-साथ आजाद हुए थे। आजादी के अब 75 साल (75 Years of Independence) पूरे हो चुके हैं। आज जब दुनिया इन दोनों देशों को देखती है, तो जमीन-आसमान का अंतर पाती है। एक दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से ग्रोथ कर रहा है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान को अपनी जीडीपी ग्रोथ (Pakistan GDP Growth) के अनुमान घटाने पड़ रहे है। एक को दुनिया 'द बॉस' कहती है, तो दूसरे को कोई कर्ज भी देने को तैयार नहीं।

 दुनियाभर में इस समय मंदी (Recession) की खबरें हैं। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी मंदी में चली गई है। अमेरिका दिवालिया (US Default News) होने से बाल-बाल बचा है, लेकिन मंदी में जाने की आंशका काफी अधिक है। दूसरी तरफ भारत पर इन सबका कोई असर ही नहीं है। यहां मार्केट में डिमांड है, लोगों की जेब में पैसा है, कॉरपोरेट सेक्टर की बैलेंस शीट मजबूत है और जीडीपी तेजी से ग्रो कर रही है।

2022-23 में 7.20% ग्रोथ रेट

तमाम रेटिंग एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों के अनुमानों के उलट देश की जीडीपी वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी तिमाही जनवरी-मार्च (India Q4 FY23 GDP) में 6.10 फीसदी रही। वहीं, पूरे साल में यह 7 फीसदी से भी ज्यादा रही। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.20 फीसदी पर जा पहुंची। बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 13.20 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.30 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.40 फीसदी रही थी।

अमेरिका में भी भारत की जय-जय

भारतीय इकॉनमी की इस ग्रोथ की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली रिसर्च ने कहा है कि पिछले 10 साल में भारत तेजी से बदला है। एक दशक से भी कम समय में भारत ने दुनिया में अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है। इकॉनमी और मार्केट के मोर्चे पर भारत से महत्वपूर्ण सकारात्मक रिजल्ट्स आए हैं। भारत साल 2013 की तुलना में बिल्कुल अलग है।

पाकिस्तान ने घटाया जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

जहां एक तरफ भारत शानदार ग्रोथ कर रहा है, तो दूसरी तरफी पाकिस्तान को अपनी जीडीपी ग्रोथ (Pakistan GDP Growth Rate) के अनुमान घटाने पड़ रहे हैं। कमजोर आर्थिक हालातों के चलते हाल ही में पाकिस्तान ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाया है। पाकिस्तान ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 0.29 फीसदी कर दिया है। पहले यह अनुमान 2 फीसदी का था। पाकिस्तान की राष्ट्रीय लेखा समिति ने कहा कि इंडस्ट्रीयल ग्रोथ में गिरावट के कारण देश के डिफॉल्ट होने की आशंका पैदा हो गई है। एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रीयल और सर्विस सेक्टर में सुस्ती के कारण पाकिस्तान की ग्रोथ को झटका लगा है। इन तीनों सेक्टर में क्रमश: 1.55%, -2.94% और 0.86% ग्रोथ का अनुमान है। बुधवार को कमेटी ने एक बयान में यह जानकारी दी थी। पाकिस्तान का वित्त वर्ष जुलाई से जून तक होता है।

सातवें आसमान पर महंगाई

पाकिस्तान में महंगाई (Inflation in Pakistan) सातवें आसमान पर पहुंच गई है। यहां खाने पीने से लेकर तमाम चीजों की कीमतें उच्च स्तर पर हैं। पाकिस्तान ने अप्रैल में अब तक की सबसे ज्यादा महंगाई दर 36.4 फीसदी दर्ज की थी। वहीं, आईएमएफ की शर्तों के चलते इस देश की करेंसी अब तक के सबसे निचले स्तर पर चली गई थी।

खाली हो गया है खजाना

पाकिस्तान के खजाने में अब मुठ्ठीभर रकम भी नहीं बची है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan forex reserves) में 26 मई को समाप्त हुए सप्ताह में 10.2 करोड़ डॉलर की गिरावट आई है। इससे यह गिरकर 4.09 अरब डॉलर रह गया है। बाहरी कर्ज के भुगतान के चलते मुद्रा भंडार में यह गिरावट आई है। 26 मई को पाकिस्तान के पास कुल लिक्विड फॉरेक्स रिजर्व 9.513 अरब डॉलर था।

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