अनूपपुर में एयरपोर्ट एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिए खाद्य मंत्री की पहल

मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र

भोपाल
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने अनूपपुर में एयरपोर्ट, चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं कृषि विश्वविद्यालय प्रारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है। मंत्री सिंह ने कहा कि उन्होंने विगत दिन प्रधानमंत्री के शहडोल प्रवास के दौरान उन्हें पत्र सौंपे। मंत्री सिंह ने कहा कि शिक्षा, परिवहन एवं चिकित्सा क्षेत्रीय विकास की पहचान होती है। अनूपपुर माँ नर्मदा की उद्गम स्थली है। धार्मिक आस्था के साथ पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ विकास की अनंत संभावनाएँ हैं। हमारा जनजातीय युवा सुविधा मिलने पर अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा दिखा सकेंगे।

एयरपोर्ट से उद्योग एवं पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

खाद्य मंत्री सिंह ने कहा कि अनूपपुर में अमरकंटक जैसे प्राचीन, ऐतिहासिक, पवित्र तीर्थ स्थान है, जहाँ दर्शनार्थियों का आना लगा रहता है। मैंने उड़ान योजना में एयरपोर्ट बनाए जाने का अनुरोध किया है। इसके बन जाने से हवाई सेवाओं से देशी-विदेशी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा । स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और व्यापार भी बढ़ेगा। व्यवसायिक दृष्टि से देखें तो यहाँ कोयला खदानें, अमरकंटक थर्मल पॉवर प्लाँट, मोजर बेयर जैसी कंपनियाँ स्थापित हैं।हवाई सुविधाओं से उद्योगपतियों एवं अन्य नई कंपनियाँ अपने उद्योग स्थापित कर सकेंगी।

कृषकों को मिलेगी नई तकनीक

खाद्य मंत्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित अनूपपुर जनजातीय बहुल क्षेत्र है। यहाँ का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। विगत 2 दशक में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के विकास कार्यो से अनूपपुर भी अन्य विकसित जिलों की पंक्ति में आ खड़ा हुआ है। कृषि की नई तकनिकी से युवाओं को परिचित कराने के लिए मैंने प्रधानमंत्री से कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करने का अनुरोध किया है। यहाँ के युवा को कृषि की दिशा में एक नई राह मिलेगी।वहीं छात्रों को स्थानीय स्तर पर कृषि शिक्षा की सुविधा मिलेगी।

चिकित्सा के क्षेत्र में मिलेगी बड़ी राहत

मंत्री सिंह ने बताया कि अनूपपुर में राष्ट्रीय स्तर का चिकित्सा शिक्षा संस्थान की बहुत आवश्यकता है। फिर चाहे वह चिकित्सा शिक्षा के रूप में हो अथवा चिकित्सा सुविधा के रूप में। प्रधानमंत्री को स्थानीय लोगों की इस बहुत पुरानी माँग से अवगत कराते हुए मैंने राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय खोले जाने का अनुरोध किया है। यहाँ चिकित्सा सुविधा इसलिए भी आवश्यक है कि सिकल सेल, एनीमिया जैसी गंभीर बीमार से पीड़ितों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल सकेगा। युवा हूनरमंद है तो कृषि ही नहीं वह चिकित्सा के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित कर सकेगा। स्थानीय स्तर पर उसे चिकित्सा शिक्षा की सुविधा मिलने से यहीं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button