आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की न्यायिक हिरासत 29 मार्च तक बढ़ा दी गई

भोपाल

मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के करोड़पति आरक्षक सौरभ शर्मा केस में बड़ी अपडेट सामने आई है. सौरभ शर्मा, चेतन गौर, शरद जायसवाल की न्यायिक हिरासत 29 मार्च तक बढ़ा दी गई है. लोकायुक्त विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है. सौरभ शर्मा को आरटीओ घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल जांच एजेंसियो की पूछताछ जारी है. इधर, पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में एसआईटी कोर्ट में चार्टशीट पेश होगी. मालूम हो कि 1 जनवरी 2025 की रात युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर शव को सेप्टिक टैंक में चुनवा दिया गया था. 2 जनवरी को मुकेश के भाई युकेश ने कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 3 जनवरी की देर शाम मोबाइल (गूगल) लोकेशन के आधार पर मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर के चट्टान पारा स्थित बाड़ा से पुलिस ने मुकेश की बॉडी को बरादम किया था.

इस मामले में सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे. सुरेश के भाई रितेश, दिनेश और कर्मचारी महेंद्र रामटेके को गिरफ्त में लेने के 3 दिन बाद हैदराबाद से सुरेश को गिरफ्तार किया गया था. मामला गंगालूर से मिरतुर 100 करोड़ की लागत वाली सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग से जुड़ा हुआ था. रिपोर्टिंग से नाराज सुरेश ने हत्या की साजिश रची थी. फिलहाल इस मामले के सभी आरोपी जेल में बंद हैं. जिस जगह से मुकेश का शव बरामद हुआ था एसआईटी ने उसे सील कर रखा है. हत्या के बाद से सुरेश की प्रापर्टी कुर्की करने की लगातार मांग उठ रही है. मामले में भ्रष्टाचार के संलिप्तत को लेकर पीडब्ल्यूडी के पूर्व ईई, एसडीओ समेत 4 लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है.

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का बड़ा बयान

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इस पूरे मामले में छोटी मछलियों पर कार्रवाई की गई लेकिन बड़ी मछलियों को हाथ तक नहीं लगाया गया. पूरी कांग्रेस पार्टी इस मामले में गोविंद सिंह राजपूत और उनके सहयोगियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है. इसी कड़ी में कल हम लोकायुक्त गए थे. आज हम लोग eow आए हैं. 3-3 एजेंसियां काम कर रही हैं, लेकिन अब तक यह पता नहीं लगा पाई आखिर 52 किलो सोना और कैश किसका था eow के अधिकारियों ने जांच कर आश्वाशन दिया है. आने वाले समय में हम प्रधानमंत्री को भी शिकायत करेंगे. रजिस्ट्री से लेकर तमाम साक्ष्य दिए हैं. उसके बाद भी कार्रवाई से बच रही है जांच एजेंसियां. हमने सदन में स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की लेकिन चर्चा भी नहीं हुई.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button