महाकाल रोप वे दो साल में तैयार होगा, अक्टूबर महीने से शुरू होगा काम; बैठक में निर्णय

उज्जैन

श्री महाकाल रोपवे प्रोजेक्ट का काम एक महीने बाद अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की अवधि दो साल, यानी अक्टूबर 2026 निर्धारित की गई है। महाकाल रोपवे रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी संग्रहालय (महाकाल महालोक द्वार) होते हुए गणेश कॉलोनी तक बनाया जाएगा, जिसकी कुल लंबाई 1.76 किलोमीटर होगी। इस रोपवे में 3 स्टेशन, 13 टावर और 48 केबिन स्थापित किए जाएंगे। यह निर्णय एक बैठक में लिया गया है।

 श्री महाकालेश्वर के श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा उज्जैन रेलवे स्टेशन से श्री महाकालेश्वर मंदिर तक महाकाल रोपवे बनाने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। रोपवे प्रोजेक्ट में गति लाने के लिए प्रशासनिक संकुल भवन उज्जैन में प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) अविनाश लवानिया, उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, और सीईओ नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) प्रकाश गौर की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई।

बैठक में नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के पदाधिकारी जिगर ने बताया कि रोपवे के प्रत्येक केबिन की बैठने की क्षमता लगभग 10 व्यक्तियों की होगी और यात्रा का समय लगभग 7 मिनट होगा। रोपवे में मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। इसमें इंटीग्रेटेड रेस्क्यू सिस्टम और वर्टिकल रेस्क्यू सिस्टम भी होंगे। रोपवे की क्षमता लगभग 2000 यात्री प्रति दिशा प्रति घंटा होगी।

प्रबंध संचालक एमपीआरडीसी लवानिया ने निर्माण एजेंसी एमएस इंफ्रा लिमिटेड को निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट का कार्य निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए। निर्माण कार्य सुचारू रूप से जारी रहे और प्रोजेक्ट में आने वाली समस्याओं का आपसी समन्वय से त्वरित निराकरण किया जाए। प्रोजेक्ट से जुड़े सभी संबंधित विभाग और एजेंसियां बाबा महाकाल के कार्य के लिए सकारात्मक मानसिकता से एक साथ काम करें। रेलवे, नगर निगम, एमपीईबी, स्मार्ट सिटी यूटिलिटी शिफ्टिंग और आवश्यक अनुमतियाँ जारी करने का कार्य तेजी से करें।

बैठक में जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह, डीएम डीआरएम रतलाम पीयूष पांडे, निगम आयुक्त आशीष पाठक, विकास प्राधिकरण सीईओ संदीप सोनी, सहायक कलेक्टर गगन मीना, संभागीय प्रबंधक एमपीआरडीसी मनवानी, जोनल ऑफिसर एनएचएलएमएल एसएच मधुकर, डिविजनल ऑफिसर एनएचएलएमएल रविन्द्र गुप्ता और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

रोपवे में गोंडोला तकनीक का होगा उपयोग

बता दें कि महाकाल रोपवे प्रोजेक्ट में नोडल विभाग मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम, कंसल्टेंसी एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड और निर्माण एजेंसी एमएस इंफ्रा लिमिटेड को बनाया गया है। एमएस इंफ्रा लिमिटेड को जरूरी उपकरण ऑस्ट्रिया की डॉपेल मायर कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। रोपवे में मोनो केबल डिटैचेबल गोंडोला टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। इंटीग्रेटेड रेस्क्यू सिस्टम और वर्टिकल रेस्क्यू सिस्टम रोपवे में रहेंगे। रोपवे की क्षमता लगभग 2000 यात्री प्रति दिशा प्रति घंटा होगी।

मजदूरों की सुरक्षा और अनुमतियां जल्द हों

सीईओ नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड ने निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्य में सुरक्षा और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। सुरक्षा के सभी आयामों पर विचार किया जाए। निर्माण कार्य के दौरान यातायात पुलिस से समन्वय कर व्यवस्थित बैरिकेडिंग की जाए। मजदूर हेलमेट आदि आवश्यक सुरक्षा का ध्यान रखें। रेलवे, नगर निगम, MPEB,स्मार्ट सिटी यूटिलिटी शिफ्टिंग और आवश्यक अनुमतियां जारी करने का कार्य तेजी से करें।

नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के पदाधिकारी जिगर ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकाल रोपवे प्रोजेक्ट का कार्य अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होगा और इसको पूरा करने की तिथि अक्टूबर 2026 निर्धारित है। महाकाल रोपवे रेलवे स्टेशन उज्जैन से त्रिवेणी होते हुए गणेश कॉलोनी तक बनाया जाएगा, जिसकी कुल लंबाई 1.76 किलोमीटर होगी। महाकाल रोपवे में 3 स्टेशन, 13 टॉवर और 48 केबिन स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केबिन की बैठक क्षमता लगभग 10 व्यक्तियों की होगी और ट्रैवल टाइम लगभग 7 मिनट होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button