मऊगंज : एएसआई की हत्या के केस में 150 लोगों पर एफआईआर, अब तक 20 की गिरफ्तारी

 रीवा
 मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गड़रा में पुलिस की टीम पर पर हमला और एएसआइ की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक दो एफआइआर दर्ज की हैं। पुलिस ने लगभग डेढ़ सौ लोगों पर मारपीट, हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा, सरकारी काम में बाधा व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

दोनों मामलों में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपितों में एक यूट्यूबर पत्रकार सहित सरपंच व पूर्व सरपंच शामिल हैं। तीनों पर घटना के पहले षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है।

इसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया, जिसके चलते भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अब तक 20 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमे 06 आरोपियों  निशा कोल, प्रेमवती कोल, बृजलाल कोल, विनोद कोल, अंशु कोल और रमेश साहू के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
सख्त कानूनी कार्रवाई, न्यायालय में पेशी

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 20 आरोपियों को हिरासत में लिया गया. इस मामले में  06 आरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1), 127 (2), 132, 296, 115 (2), 351 (3), 109, 191 (2), 191 (3), 190, 121(2) समेत अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.

गांव में बढ़ी पुलिस चौकसी

गड़रा गांव में हुई इस हिंसा के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में ले लिया. पुलिस लगातार तलाशी अभियान चला रही है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही. प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं.

पुलिस का सख्त संदेश

इस घटना के बाद पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें.

डीजीपी पहुंचे बलिदानी के घर, सहायता राशि समेत नौकरी का दिया भरोसा

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना सोमवार को बलिदानी एएसआई रामचरण गौतम के गृह ग्राम जिले के पवैया गांव पहुंचे। जहां उन्होने शहीद के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के स्वजनों को सांत्वना दी।

इस दौरान डीजीपी ने शहीद के परिवार के सदस्यों को बताया कि सरकार ने कर्तव्य निवर्हन में शहीद हुए एएसआई रामचरण गौतम के परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी बात कहीं है।
यह है मामला

मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरानी रंजिश को लेकर एक युवक को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। शनिवार की शाम सूचना पर पहुंची पुलिस पर भी ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। हमले में एएसआइ की मौत से क्षेत्र में तनाव फैल गया था। सोमवार को अलग-अलग दो एफआईआर में तकरीबन डेढ़ सौ लोगों के विरुद्ध मामला पंजीकृत कर 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

अंकिता ने बताई मऊगंज में हुए खौफनाक मंजर की पूरी कहानी

मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में शनिवार को एएसआई समेत एक युवक की हत्या कर दी गई। एसडीओपी ने मऊगंज में हुए खौफनाक मंजर की पूरी कहानी बताई है। वहीं इसे लेकर ब्राह्मण समाज ने एक दिवस बंद का ऐलान किया है। सोमवार को रीवा और मऊगंज बंद रहेगा।

एसडीओपी ने बताई पूरी कहानी

SDOP अंकिता शूल्या ने बताया कि कैसे यह पूरी घटना हुई थी। उन्होंने बताया कि जिस कमरे में वह बंद थी, आरोपी उसी कमरे में आग लगाने की बात कर रहे थे। आरोपियों की मांग थी कि जिन आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है, उन्हें छोड़ दे और एसडीओपी को ले जाए। अंकिता ने बताया कि वह करीब एक घंटे तक कमरे में बंद थी। पुलिस टीम ने हवाई फायरिंग कर एसडीओपी को मुक्त कराया और शव को कब्जे में लेकर वहां से निकाला गया।

डीआईजी और एसपी के बोलने पर भी आरोपियों ने पुलिसकर्मियों को छोड़ने से इनकार कर दिया था। SDOP अंकिता ने बताया कि गांव के लोगों ने युवक की हत्या की थी। हमारा कर्तव्य था कि उन्हें सजा मिले। अपनी जान को जोखिम में डालकर अंकिता शूल्या अपने कर्तव्य पर डटी रही। कई घंटो तक पथराव चलता रहा, हमारे कई पुलिसकर्मी घायल हुए, लेकिन शव को छोड़ना सही नहीं था।

ब्राह्मण समाज ने बंद का किया ऐलान

रीवा और मऊगंज के ब्राह्मण समाज ने बंद का आव्हान किया है। व्यापारी से कहा कि वो इसमें सहयोग करें। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित संजय त्रिपाठी ने कहा कि हम लोग ब्राह्मण पर हो रहे अत्याचार खिलाफ लड़ेंगे और उन्हें इंसाफ दिलाएंगे।

ऐसे उपजा विवाद

बताया गया कि मऊगंज के गडरा गांव के निवासी द्विवेदी परिवार ने अशोक कोल को अपनी जमीन बेंची थीं। जिसके कुछ पैसे भी बकाया थे। दो माह पहले मऊगंज में अशोक आदिवासी की बाइक से एक्सिडेंट हुआ था और बाईक एक भैंस से टकरा गई थीं। जिसमें अशोक आदिवासी की मौत हो गई थीं। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम करवाया था। पीएम रिपोर्ट में एक्सीडेंट से मौत होना पाया गया था, लेकिन मृतक अशोक आदिवासी के परिजनों द्विवेदी परिवार के बेटे सनी द्विवेदी पर सुनियोजित तरीके से हत्या करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद मामले पर पुलिस के अधिकारियों ने एडिशनल एसपी रैंक के आधिकारी से जांच करवाई थी। जांच के बाद पाया गया की एक्सीडेंट के कारण ही अशोक कोल की मौत हुई थी।

होली के दूसरे दिन हुई घटना

इसके बाद शनिवार को होली के ठीक दूसरे दिन दोपहर के वक्त सनी द्विवेदी उसी अशोक आदिवासी परिवार की दुकान पर समान लेने गया था, जिसकी मौत का आरोप परिजनों ने सनी द्विवेदी पर लगाया था। इसी बीच आदिवासी परिवार के लोगों ने सनी को किराने की दुकान पर ही बंधक बना लिया। इसकी सूचना सनी के परिजनों को हुई तो वह आदिवासी परिवार से बातचीत करने पहुंचे। तभी आदिवासी परिवार के लोगों ने भगा दिया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर तहसीलदार कुमरे लाल पनिका, एसडीओपी अंकिता शूल्या, शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारतीय, दो एएसआई सहित अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे।

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