नई प्रतिभायें कभी हिम्मत न हारे, सपना देखना बंद नहीं करें : मिथुन चक्रवर्ती

नई दिल्ली,

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा है कि नई प्रतिभाओं को कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिये और सपना देखना बंद नहीं करना चाहिये। 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें सम्मानित किया है। मिथुन चक्रवर्ती ने दादा साहब फाल्के अवॉर्ड जीतने पर खुशी जाहिर की है।

मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, फिल्म मृगया के लिये पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद लोगों से मुझे खूब बधाइयां मिली, जिसके बाद मेरा दिमाग थोड़ा सा खराब होने लगा था।मुंबई में एक स्क्रीनिंग रखी गई थी, जिसमें कहा गया था कि मृगया यदि अच्छी लगी तो उसका वितरण किया जाएगा। इसके बाद जब उन्होंने स्क्रीनिंग के आयोजक से फिल्म के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि फिल्म तो अच्छी लगी, लेकिन मैं सोच रहा हूं कि तुम कपड़ों में कैसे दिखोगे।उनकी बात सुनकर मैं चौंक गया। इसके बाद मुझे याद आया कि मृगया में मैंने जो किरदार निभाया है उसने ऊपर कपड़े नहीं पहने थे। मैं खुद को अल-पचीनो समझने लगा था, फिर मुझे एक लात पड़ी, तो अकल आई। मेरे रंग की वजह से मुझे कुछ सुनने को मिला।

मिथुन चक्रवर्ती ने कहा,कहा जाता था कि ये बॉलीवुड में ये काला रंग नहीं चलेगा। मैं सोचता था कि करूं क्या, मैं भगवान से कहता था कि हे भगवान इस रंग का क्या करूं, ये तो बदल नहीं कर सकता, तो मैंने सोचा मैं पैरों से डांस करूंगा, मैं ऐसा डांस किया पैरों से, इतना थिरका कि लोगों का ध्यान मेरे पैरों पर गया ही नहीं। उस दिन के बाद से मैं बन गया सेक्सी, डस्की, बंगाली बाबू।मैं भगवान से बहुत शिकायत करता था, लेकिन आज ये अवॉर्ड मिलने के बाद मैंने ये शिकायत करना छोड़ दिया। मैंने सिर्फ शुक्रियाअदा किया।मैं नए लोगों से कहूंगा कि हिम्मत नहीं हारना, सपना देखना कभी बंद नहीं करना। खुद सो जाना लेकिन सपनों को कभी सोने नहीं देना। मैं कुछ बन सकता हूं तो तुम भी बन सकते हो।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button