दानिश अली के बहाने पुराने वोट बैंक पर नजर, बसपा से भी ज्यादा क्यों एक्टिव है कांग्रेस

नई दिल्ली 
देश के नए संसद भवन में जिस समय महिला आरक्षण बिल को पास करवाकर इतिहास लिखा जा रहा था ठीक उसी समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद रमेश बिधूड़ी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद दानिश अली को लेकर आपत्तिजनक बयान देकर विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मौका दे दिया। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाने में थोड़ी भी देरी नहीं की। वह इस मामले में बीएसपी से अधिक तत्पर दिखी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दानिश अली से मिलने के लिए ना सिर्फ उनके आवास पर पहुंचे, बल्कि उन्हें गले भी लगाया और इसे 'नफरत की बाजार में मुहब्बत की दुकान' करार दिया। दानिश अली को लेकर भाजपा सांसद के द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान पर मायावती ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसके लिए एक्स (ट्विटर) का सहारा लिया। लेकिन कांग्रेस ज्यादा एक्टिव दिखी। राहुल की मुलाकात से पहले जयराम रमेश ने बिधूड़ी के निलंबन तक की मांग कर दी। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर राहुल और कांग्रेस इस मुद्दे पर मायावती और बसपा से अधिक सक्रिय क्यों दिख रही है।

खोए हुए मुस्लिम वोट को वापस लाने की कोशिश
भारत की राजनीति में एक ऐसा दौर था जब मुस्लिमों को कांग्रेस का समर्थक बताया जाता था। बीजेपी की हिंदूत्व की राजनीति के खिलाफत में मुस्लिम कांग्रेस को बड़े पैमाने पर वोट करते थे। लेकिन जैसे-जैसे कांग्रेस कमजोर होती गई, उसका यह वोट बैंक छिटकता गया। मुस्लिम बीजेपी को चुनौती देने वाली क्षेत्रिय पार्टियों के बीच बंटती चली गई। उदाहरण के लिए बिहार में आरजेडी के साथ हो गई। उत्तर प्रदेश में सपा और बीएसपी को समर्थन दिया। कांग्रेस लगातार अपने खोए हुए इस वोट बैंक को वापस लाने की कोशिश करती दिखती है। दानिश अली के बहाने भी कांग्रेस मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश कर रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। 

दानिश अली से मिले राहुल गांधी, गले लगाया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को बसपा के सांसद दानिश अली से मुलाकात कर एकजुटता प्रकट की। इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान। उनके साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी थे। कांग्रेस ने इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया कि कल भरी संसद में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली जी का अपमान किया था, उन्हें बेहद अमर्यादित और असंसदीय अपशब्द कहे थे। उस समय भाजपा के दो पूर्व मंत्री भद्दे ढंग से हंसते रहे। रमेश बिधूड़ी की यह शर्मनाक और ओछी हरकत सदन की गरिमा पर कलंक है। कांग्रेस देश भर के साथ लोकतंत्र के मंदिर में नफरत और घृणा की ऐसी मानसिकता के सख्त खिलाफ है।

राहुल ने कहा मैं अकेला नहीं हूं: दानिश अली
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बीएसपी सांसद दानिश अली ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मेरा हौसला बुलंद करने के लिए वो यहां आए। उन्होंने कहा कि मैं अकेला नहीं हूं। इस देश का हर व्यक्ति जो देश के लोकतंत्र में विश्वास रखता है वो आपके साथ खड़ा है। इसको दिल पर मत लीजिए, अपनी सेहत का ख्याल रखिए।

विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
बसपा सांसद दानिश अली पर संसद किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में कई सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति को पास भेजने की मांग की है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार, डीएमके सांसद कनिमोझी और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस मुद्दे पर बिरला को पत्र लिखा और मांग की कि मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए। कई विपक्षी दलों ने भी इस मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की मांग की है।

भाजपा ने सांसद रमेश बिधूड़ी को दिया कारण बताओ नोटिस
लोकसभा में गुरुवार को चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा के दौरान बसपा के सदस्य दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए भाजपा ने अपने सांसद रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी बिधूड़ी को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि इसकी पुनरावृति नहीं होनी चाहिए।

रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी को उसी समय सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया था और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसकी आलोचना करते हुए अपनी तरफ से खेद व्यक्त किया था। इसके बाद मामला समाप्त हो गया था। बाद में जब इसका वीडियो फुटेज सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हुई और बसपा सांसद दानिश अली ने लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की। विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाया। राजनीतिक मुद्दा बनते देख भाजपा ने उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से लिया है।
 

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