प्रदेश में चलाए जा रहे पैक्स संस्थाओं के कर्मचारियों का एक दिवसीय BOTP प्रशिक्षण हुआ संपन्न
प्राथमिक कृषि साख समितियां होंगी कंप्यूटरीकृत
छतरपुर
भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पूरे प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है इसी क्रम में छतरपुर में चल रही 113 समितियों के प्रबंधकों का एक दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण 29 मई से 1 जून तक सटई रोड स्थित आईसेक्ट के क्षेत्रीय कार्यालय में संपन्न हुआ। इस परियोजना के क्रियान्वयन में नाबार्ड द्वारा मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ मर्यादित भोपाल के सहयोग से प्रदेश के सभी जिलो की पैक्स संस्थाओं के कंप्यूटरीकरण के लिए एक दिवसीय बुनियादी उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम जिलेवार आयोजित किया जा रहा है, इसी क्रम में छतरपुर जिले में नाबार्ड के प्रतिनिधि के रुप में विवेक गुप्ता डीडीएम छतरपुर की उपस्थिति में यह प्रशिक्षण संपन्न हुआ। उन्होंने अपने उद्बोधन में परियोजना के उद्देश्य एवं समितियों को होने वाले लाभ पर विस्तार से प्रकाश डाला।
वही राज्य संघ के पर्यवेक्षक हृदेश कुमार राय राय ने बताया की यह एक दिवसीय बुनियादी उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम टीकमगढ़ मे 29 एवं 30 मई को आयोजित किया गया जिसके सत्र समन्वयक समीउल्लाह खान एवं मास्टर ट्रेनर नवीन कुमार बाजपेई एवं सुनील गजभिये रहे जिसमे 64 पैक्स कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। वही निवाड़ी में 29 मई को आयोजित किया गया जिसके सत्र समन्वयक विजय अहिरवार, एवं मास्टर ट्रेनर्स कुमारी आरती लालवानी रही जिसमें 23 समितियों के पैक्स कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। वही दतिया जिले में 29,30 मई को प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसके सत्र समन्वयक धीरज कुमार एवं मास्टर ट्रेनर्स भानु खरे व कुमारी नीतू कुशवाहा एवं सुकदामवरी जैन रही जिसमें 82 पैक्स कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। वही छतरपुर जिले में 29,30,31 मई एवं 1 जून को कुल 4 सत्रों में यह प्रशिक्षण कराए गए जिसके सत्र समन्वयक आरके भारद्वाज एवं मास्टर ट्रेनर्स रजत गुप्ता, एवं करिश्मा पाल रही जिसमें 113 समितियों के पैक्स कर्मचारियों ने भाग लिया।
और राय ने बताया यह प्रशिक्षण प्रतिदिन 30 समिति प्रबंधकों के बैच के रूप में किया गया इस प्रशिक्षण में समिति प्रबंधकों को कंप्यूटरीकरण हेतु मानसिक रूप से तैयार किया गया। नाबार्ड केंद्रीय स्तर पर परियोजना का कार्यान्वयन करेगा इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा और 5 साल में यह परियोजना पूरी होगी।
ज्ञातव्य हो पैक्स का कम्प्यूटरीकरण, वित्तीय समावेशन के उद्देश्य को पूरा करने और विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को सेवा वितरण को मजबूत करने के अलावा, किसानों के बीच पैक्स के काम में पारदर्शिता, दक्षता लाएगा, भरोसे को बढ़ाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर एक एकल ईआरपी आधारित सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा जो पीएसीएस को अपनी सेवाओं को डिजिटाइज़ करने और उन्हें डीसीसीबी और एसटीसीबी के साथ जोड़ने में सक्षम करेगा। यह राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के साथ ऋणों का त्वरित निपटान, कम संक्रमण लागत, तेजी से लेखापरीक्षा और भुगतान और लेखांकन में असंतुलन में कमी सुनिश्चित करेगा।
प्रशिक्षण दौरान हमारे जिलों में निम्न अधिकारियों ने विजिट किया दतिया में चेतन श्रीवास्तव मार्केटिंग विपणन, धर्मेंद्र सिंह डीडीएम नाबार्ड, एचके राय पर्यवेक्षक राज्य संघ,विनोद भार्गव महाप्रबंधक कॉपरेटिव बैंक दतिया, नरोत्तम लाक्षाकार दतिया, टीकमगढ़ में मिर्जा फैजल बैग डीडीएम नाबार्ड, एचके राय पर्यवेक्षक राज्य संघ,निवाड़ी एचके राय पर्यवेक्षक राज्य संघ छतरपुर में नाबार्ड डीडीएम विनय गुप्ता, पर्यवेक्षक एचके राय एवं वीरेंद्र सिंह परिहार व पत्रकार साथी उपस्थित रहे एवं प्रशिक्षण संपन्न हुआ।