कान खोलकर सुन लो गाली देने वालों… ईंटानगर की धरती से पीएम मोदी की ललकार

 ईटानगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर पहुंचे और यहां उन्होंने दुनिया की सबसे लंबी सुरंग 'सेला टनल' समेत कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. यहां 'विकसित भारत, विकसित नॉर्थईस्‍ट' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर के लिए जारी विकास कार्यों को लोगों के सामने रखा और कहा कि नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए हमारा विजन अष्ट लक्ष्मी का रहा है.

पूर्वोत्तर चार गुणा तेजी से कर रहा विकास
आज यहां 55 हजार करोड़ से भी ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास हुआ है. उन्होंने कहा कि पूरे पूर्वोत्‍तर में चार गुणा तेजी से विकास कार्य चल रहा है. पूरे देश में विकसित राज्य से विकसित भारत का राष्ट्रीय उत्सव तेज गति से जारी है. आज मुझे विकसित पूर्वोत्तर के इस उत्सव में, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के साथ एक साथ हिस्सेदार बनने का अवसर मिला है.

पीएम ने बताया 'मोदी की गारंटी' का मतलब
इस दौरान पीएम मोदी ने 'मोदी की गारंटी' का मतलब भी बताया, उन्होंने कहा कि 'मोदी की गारंटी'  क्या है, ये आपको अरुणाचल में साक्षात नजर आएगा. 2019 में मैंने सेला टनल का शिलान्यास का काम शुरू किया था. आज उसका लोकार्पण हो रहा है, क्या ये पक्की गारंटी नहीं है.

परिवारवाद पर फिर हमला
जब मैं काम कर रहा हूं तो इंडी के नेताओं ने मोदी पर हमले बढ़ा दिए हैं। पूछ रहे हैं कि मोदी का परिवार कौन है? कान खोलकर सुन लो गाली देने वालों, यह मोदी का परिवार है। यह परिवारवादी सिर्फ अपने परिवार का ध्यान देते हैं। जहां वोट नहीं, वहां ध्यान नहीं देते हैं, यही कारण है कि नॉर्थ ईस्ट का विकास नहीं हो पाया। आपके बच्चों की चिंता नहीं की, इन्हें अपने बच्चों की ही चिंता रही। अपने बच्चों को सेट किया और आपके बच्चे अपसेट हों, इसकी परवाह कभी नहीं की। मोदी के लिए दूर-सुरूर बैठा, चाहे पर जंगल में रहता हो या पहाड़ों पर रहता हो, हर एक परिवार और हर एक व्यक्ति मेरा परिवार है। जब तक हर व्यक्ति का पक्का घर, मुफ्त राशन, शुद्ध पीने का पानी, बिजली, टॉइलट, गैस कनेक्शन, मुफ्त इलाज, इंटरनेट कनेक्शन जैसी सुविधाएं न पहुंचे, तब तक मोदी चैन से नहीं बैठ सकता। आज जब ये मेरे परिवार पर सवाल उठाते हैं, तो हर परिवार कह रहा है, मैं हूं मोदी का परिवार।

कांग्रेस पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने तो बॉर्डर के गांवों को भी नजरअंदाज कर रखा था, देश का आखिरी गांव कहकर हाशिए पर छोड़ रखा था, लेकिन मेरे लिए तो ये प्रथम गांव है. हमने इन्हें आखिरी गांव नहीं, इसे प्रथम गांव माना और बाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू कर दिया.

क्या है सेला टनल की खासियत?
सेला सुरंग चीन बॉर्डर के बहुत नजदीक है और भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. ये सुरंग चीन की सीमा से लगे तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. ये इतनी ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी दो लेन की सुरंग है. पीएम मोदी शनिवार को राष्ट्र को समर्पित कर दिया. इसके अलावा उन्होंने 20 विकास परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी.

हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी टनल
दरअसल, 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सेला सुरंग अरुणाचल प्रदेश के तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. एलएसी के करीब होने के कारण सुरंग रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. सेला पास के नजदीकर स्थित सुरंग की काफी जरूरत थी क्योंकि भारी वर्षा के कारण बर्फबारी और भूस्खलन होने पर बालीपारा-चारीद्वार-तवांग मार्ग साल में लंबे समय तक बंद रहता है.

परियोजना में शामिल हैं दो सुरंगे
इस परियोजना में दो सुरंगें शामिल हैं. पहली 980 मीटर लंबी सुरंग, सिंगल ट्यूब टनल और दूसरी 1555 मीटर लंबीसुरंग, ट्विन ट्यूब टनल है. यह 13,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर बनाई गई सबसे लंबी सुरंगों में से एक होगी.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button