खड़गे को G20 के डिनर का न्योता न मिलने पर भड़का विपक्ष
नईदिल्ली
G20 के डिनर की गेस्ट लिस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल न किए जाने को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा केवल उन देशों में हो सकता है, जहां कोई लोकतंत्र नहीं है या कोई विपक्ष नहीं है. चिदंबरम ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अभी इंडिया यानी भारत उस स्थिति में नहीं पहुंचा है, जहां लोकतंत्र और विपक्ष का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.
चिदंबरम ने कहा कि मैं कल्पना नहीं कर सकता कि किसी दूसरे लोकतांत्रिक देश की सरकार विश्व नेताओं के लिए राजकीय रात्रिभोज में विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करेगी. यह केवल उन देशों में हो सकता है जहां कोई लोकतंत्र नहीं है या कोई विपक्ष नहीं है.
संजय राउत ने भी साधा निशाना
वहीं, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि आपने मनमोहन सिंह को डिनर में बुलाया है, आपको मालूम है कि मनमोहन सिंह की तबीयत ठीक नहीं है वह नहीं आने वाले हैं, लेकिन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया है. अगर लोकतंत्र में विपक्ष के नेता को स्थान नहीं है तो यह तानाशाही है.
इतना बड़ा सम्मेलन देश में हो रहा है. आपको सबको बुलाकर बात करनी चाहिए. 2024 में हमारी सरकार आएगी. लेकिन हम सत्ता में रहेंगे तो यह गलती हम नहीं करेंगे. अगर मोदी जी विपक्ष के नेता होंगे तो उन्हें भी न्योता दिया जाएगा.
कांग्रेस पर बोला केंद्र पर हमला
उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी प्रमुख और राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे को G20 डिनर में इन्वाइट नहीं किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भारत की 60 फीसदी आबादी के नेता को महत्व नहीं देती.
कांग्रेस नेता कुमार मंगलम ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी महर्षि मनु की विरासत को कायम रख रहे हैं. जिन्हें मनुस्मृति की रचना करने का श्रेय दिया जाता है, हालांकि जाति आधारित भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए कई विद्वानों द्वारा इसकी आलोचना की गई है. कुमार मंगलम ने अतीत के कई उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां पिछड़े वर्गों के नेताओं को महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अयोध्या में राम मंदिर के 'भूमि पूजन' में आमंत्रित नहीं किया गया था, उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था.