बच्चों के पालन-पोषण के लिए स्मार्ट फोन पर निर्भर होते जा रहे हैं माता-पिता

लंदन
 जैसे-जैसे तकनीक का विस्तार हो रहा है, नए-नए एप स्मार्टफोन के उपयोग को तेजी से बढ़ा रहे हैं। आजकल पैरेंटिंग टिप्स भी स्मार्टफोन पर प्रचूरता से उपलब्ध हैं। अधिसंख्य माता-पिता इन आर्टिकल को पढ़कर इसे दैनिक जीवन में उपयोग करने लगे हैं। एक नए अध्ययन में पता चला है कि लगभग आधे माता-पिता (43 प्रतिशत) को पता नहीं है कि स्मार्टफोन के आविष्कार से पहले लोगों ने अपने बच्चों का पालन-पोषण कैसे किया। एक फोन कंपनी ने वनपोल डाट काम द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, जब अपने बच्चों के पालन-पोषण की बात आती है तो माता-पिता स्मार्टफोन पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं।

इस अध्ययन में छह वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों वाले 1,000 अभिभावकों से डाटा एकत्र किया गया। अध्ययन में शामिल लगभग 61 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि स्मार्टफोन पालन-पोषण में सबसे सहायक उपकरण है, जबकि 77 प्रतिशत अभिभावकों ने स्वीकार किया कि वे बच्चों की देखभाल संबंधी सलाह के लिए प्रति सप्ताह 77 बार अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। अध्ययन से यह भी पता चला कि माता और पिता अपने बच्चों के उपयोग के लिए जरूरी चीजों की खरीदारी करने के लिए नियमित रूप से स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं।

इसके लिए माता-पिता अपनी मासिक डाटा सीमा को औसतन पांच गीगाबाइट से अधिक बढ़ा रहे हैं। बच्चों के लिए सामग्री की स्ट्रीमिंग और डाउनलोडिंग को सबसे महत्वपूर्ण डाटा ड्रेन में से एक के रूप में पहचाना गया। इन गतिविधियों के लिए प्रति सप्ताह औसतन 12 घंटे समर्पित हैं। मनोरंजन के अलावा, माता-पिता अपने स्मार्टफोन का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए करते हैं। 67 प्रतिशत माता-पिता अपने फोन का उपयोग मुख्य रूप से तस्वीरें लेने के लिए करते हैं। 62 प्रतिशत वाट्सएप संदेश भेजने का आनंद लेते हैं।

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