29 सितंबर से शुरू हो रहे पितृ पक्ष ? जान लें कब है कौन सी श्राद्ध तिथि, देखें कैलेंडर

पितृ पक्ष अपने सभी पितरों को तृप्त करने का पखवाड़ा होता है. आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृ पक्ष कहते है. इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है. पितृ पक्ष में अपने पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, पंच​बलि कर्म आदि किए जाते हैं. धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों को तृप्त करने से पितृ दोष दूर होता है. परिवार में सुख, शांति, खुशहाली और उन्नति होती है. वंश की वृद्धि होती है. पितृ पक्ष के अलावा हर माह की अमावस्या को भी पितरों को प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं.

जब पितर नाराज होते हैं तो वे अपने वंश को श्राप देते हैं, इससे परिवार में कलह, अशांति, वंश की हानि या व्यक्ति संतान सुख से वंचित रहता है. पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ पक्ष एक अच्छा अवसर होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि पितृ पक्ष का प्रारंभ कब से हो रहा है? श्राद्ध की तिथियां कौन कौन सी हैं?

पितृ पक्ष 2023 का प्रारंभ
इस साल पितृ पक्ष का प्रारंभ 29 सितंबर दिन शुक्रवार से हो रहा है. इस दिन पूर्णिमा की श्राद्ध और प्र​तिपदा श्राद्ध है. पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक है और उसके बाद से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी, जो 30 ​सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक है.

 

पितृ पक्ष 2023 श्राद्ध कैलेंडर

पितृ पक्ष का पहला दिन: 29 सितंबर, पूर्णिमा श्राद्ध, प्र​तिपदा श्राद्ध
पितृ पक्ष का दूसरा दिन:
30 सितंबर, द्वितीया श्राद्ध
पितृ पक्ष का तीसरा दिन: 1 अक्टूबर, तृतीया श्राद्ध
पितृ पक्ष का चौथा दिन: 2 अक्टूबर, चतुर्थी श्राद्ध, महा भरणी

पितृ पक्ष का पांचवा दिन: 3 अक्टूबर, पंचमी श्राद्ध
पितृ पक्ष का छठा दिन: 4 अक्टूबर, षष्ठी श्राद्ध
पितृ पक्ष का सातवां दिन: 5 अक्टूबर, सप्तमी श्राद्ध
पितृ पक्ष का आठवां दिन: 6 अक्टूबर, अष्टमी श्राद्ध

पितृ पक्ष का नौवां दिन: 7 अक्टूबर, नवमी श्राद्ध
पितृ पक्ष का दसवां दिन:
8 अक्टूबर, दशमी श्राद्ध
पितृ पक्ष का ग्यारहवां दिन: 9 अक्टूबर, एकादशी श्राद्ध
पितृ पक्ष का बारहवां दिन:
10 अक्टूबर, मघा श्राद्ध

पितृ पक्ष का तेरहवां दिन: 11 अक्टूबर, द्वादशी श्राद्ध
पितृ पक्ष का चौदहवां दिन: 12 अक्टूबर, त्रयोदशी श्राद्ध
पितृ पक्ष का पंद्रहवां दिन
: 13 अक्टूबर, चतुर्दशी श्राद्ध
सर्व पितृ अमावस्या: 14 अक्टूबर, शनिवार

 

पितृ पक्ष में तिथि का महत्व
जब पितृ पक्ष प्रारंभ होता है तो उसके हर दिन की एक तिथि होती है. जैसे इस साल 30 सितंबर को द्वितीया श्राद्ध है यानि पितृ पक्ष में श्राद्ध की द्वितीया तिथि है. जिन लोगों के पितरों का निधन किसी भी माह की द्वितीया तिथि को हुआ होता है, वे लोग अपने पितरों का श्राद्ध कर्म पितृ पक्ष में द्वितीया श्राद्ध को करते हैं. ऐसे ही जिसके पूर्वज का निधन किसी भी माह और पक्ष की नवमी तिथि को हुआ होगा, वह पितृ पक्ष की नवमी श्राद्ध को उनके लिए तर्पण, पिंडदान आदि करेगा. अब आप पितृ पक्ष में तिथि का महत्व समझ गए होंगे.

मृत्यु की ति​थि मालूम न हो तो क्या करें?
यदि आपको अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात नहीं है तो ऐसे में आप सर्व पितृ अमावस्या के दिन उनके लिए श्राद्ध कर सकते हैं. इस दिन ज्ञात और अज्ञात सभी पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है.

 

 

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